मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

#05 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता


#05 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अवलोकन

प्रस्तावना


मानक की प्रस्तावना में आईएसओ संस्था और आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को विकसित करने की कार्यविधि के बारे में जानकारी दी गई है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को विकसित करने के लिए उत्तरदाई समिति आईएसओ/टीसी 176, गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता आश्वासन, उपसमिति एससी 2, गुणवत्ता प्रबंधन है.

आईएसओ 9001:2015 मानक आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का पाँचवाँ संस्करण है और यह इसके चौथे संस्करण, आईएसओ 9001:2008 मानक को प्रतिस्थापित करता है.

परिचय

मानक के परिचय में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली, सात गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांतों, प्रक्रिया सोच (अभिगम), 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र, जोखिम आधारित सोच और अन्य प्रबंध प्रणाली मानको के साथ संबंध के बारे जानकारी दी गई है.

पैरा 0.1 - सामान्य

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को लागू करना संस्था के लिए एक सामरिक निर्णय है. गुणवत्ता प्रबध प्रणाली संस्था के सभी तरह के निष्पादनों को सुधारने में मदद करती है और यह सतत पहलों के लिए ठोस आधार देती है. गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने के बहुत से लाभ हैं, जिनमें प्रमुख हैं - ऐसे उत्पाद और सेवाओं को प्रदान करने की क्षमता जो ग्राहक और लागू वैधानिक अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, ग्राहक संतुष्टि को बढ़ाने के अधिक अवसर, जोखिम और अवसरों को संबोधित करना, अपेक्षाओं की पालना प्रदर्शित करने की योग्यता.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग आँतरिक और बाहरी दलों द्वारा किया जा सकता है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक प्रक्रिया सोच (अभिगम), आयोजना-पालना-जाँच-करो, जोखिम आधारित सोच को काम में लेता है.

पैरा 0.2 - गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत

सात गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत हैं - (1) ग्राहक केंद्रबिंदु, (2) नेतृत्व, (3) व्यक्तियों को काम में लगाए रखना, (4) प्रक्रिया सोच (अभिगम), (5) सुधार, (6) सबूत आधारित निर्णय लेना, और (7) सम्बन्ध प्रबंधन.

पैरा 0.3 - प्रक्रिया सोच (अभिगम)

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक प्रक्रिया सोच (अभिगम) को अंगीकार करने को बढ़ावा देता है. जो संस्था आयोजना-पालना-जाँच-करो, जोखिम आधारित सोच के साथ प्रक्रिया सोच (अभिगम) को उपयोग में लाती है, उसे बहुत से अवसरों का फायदा मिलता है और वे अवांछनीय परिणामों को रोकने में सफल रहती हैं. प्रक्रिया सोच (अभिगम) के द्वारा संस्था की प्रक्रियाओं को पूरी तरह से एक प्रणाली की तरह व्यवस्थित किया जाता है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक परिशिष्ट एसएल निर्देशों के अनुसार तथा अन्य प्रबंध प्रणालियों, जैसे आईएसओ 14001, आईएसओ 27001, आईएसओ 20000, आईएसओ 22301 आदि, के साथ संरेखित (पंक्तिबद्ध) है.

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली - अपेक्षाएँ खंड

खंड 1 विषय-क्षेत्र के बारे में है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए अपेक्षाओं का वर्णन करता है. अपेक्षाएँ सामान्य हैं और हरेक संस्था के लिए लागू हो सकने वाली हैं, चाहे संस्था का प्रकार, आकार और उत्पाद/सेवा कुछ भी हो.

खंड 2 प्रामाणिक सन्दर्भ के बारे में है.

प्रामाणिक संदर्भ दस्तावेज 'आईएसओ 9000:2015, गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली - मूलतत्व और शब्दावली' बताया गया है.

खंड 3 पदों और परिभाषाओं के बारे में है.

आईएसओ 9000:2015 में दिए गए पद और परिभाषाएं लागू होंगी.

खंड 4 से 10 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की अपेक्षाओं के बारे में है.

खंड 4 - संस्था के प्रसंग


यह खंड संस्था और इसके प्रसंग, इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं, संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के विषय क्षेत्र, गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रक्रियाओं की जानकारी के बारे में है, जिसमे संक्षेप में यह बताया गया है कि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को कैसे संस्थापित किया जाएगा, कार्यान्वित किया जाएगा, बनाए रखा जाएगा और इसमें सुधार किया जाएगा. इस खंड में यह अपेक्षा है कि संस्था के व्यवसाय और इसके इच्छुक दलों को भली प्रकार समझा जाए.

4.1 - संस्था और इसके प्रसंग को जानना
4.2 - इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं को जानना
4.3 - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का विषय क्षेत्र निर्धारित करना
4.4 - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और इसकी प्रक्रियाएं

खंड 5 - नेतृत्व

यह खंड उच्च प्रबंधन के लिए अपेक्षाओं का उल्लेख करता है कि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए उनकी भूमिका क्या होनी चाहिए. नेतृत्व गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का केंद्रीय विषय है.

5.1 - नेतृत्व और प्रतिबद्धता (5.1.1 - सामान्य, 5.1.2 - ग्राहक केन्द्रबिन्दु)
5.2 - नीति (5.2.1 - गुणवत्ता नीति संस्थापित करना, 5.2.2 - गुणवत्ता नीति संप्रेषित करना)
5.3 - संस्थागत भूमिकाएँ, उत्तरदायित्व और प्राधिकार

खंड 6 - आयोजना

यह खंड जोखिमों और अवसरों, गुणवत्ता लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने की आयोजना और परिवर्तनों की आयोजना से संबंधित अपेक्षाओं का उल्लेख करता है. इस खंड ने जोखिम आधारित सोच को प्रस्तावित किया है. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'आयोजना' भाग है.

6.1 - जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने के लिए कार्रवाई
6.2 - गुणवत्ता लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने की आयोजना
6.3 - परिवर्तनों की आयोजना

खंड 7 - संबल

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए संसाधनों की जरुरत और उन्हें प्रदान करना इस खंड की विषय वस्तु है और इनसे संबधित अपेक्षाओं का उल्लेख इस खंड में है. दस्तावेज जानकारी से सम्बंधित अपेक्षाओं का वर्णन भी इस खंड में है कि क्या और कैसे दस्तावेज जानकारी संपोषित और प्रतिधारित किए जाएँगे.

7.1 - संसाधनों (7.1.1 - सामान्य, 7.1.2 - लोग, 7.1.3 - बुनियादी ढाँचा, 7.1.4 - प्रक्रियाओं के संचालन के लिए वातावरण, 7.1.5 - निगरानी और मापन संसाधन, 7.1.6 - संगठनात्मक ज्ञान)
7.2 - क्षमता
7.3 - जागरूकता
7.4 - संप्रेषण
7.5 - दस्तावेज जानकारी (7.5.1 - सामान्य, 7.5.2 - बनाना और अद्यतन करना, 7.5.3 - दस्तावेज जानकारी का नियंत्रण

खंड 8 - प्रचालन

इस खंड में प्रचालन अर्थात् संस्था में प्रक्रियाओं के संचालन के बारे बताया गया है. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'पालना' भाग है.

8.1 - परिचालन आयोजना और नियंत्रण
8.2 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाएँ (8.2.1 - ग्राहक संप्रेषण, 8.2.2 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का निर्धारण, 8.2.3 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का पुनरीक्षण, 8.2.4 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का परिवर्तन)
8.3 - उत्पादों और सेवाओं का परिरुप और विकास (8.3.1 - सामान्य, 8.3.2 - परिरुप और विकास आयोजना, 8.3.3 - परिरुप और विकास निवेश, 8.3.4 - परिरुप और विकास नियंत्रण, 8.3.5 - परिरुप और विकास निर्गत, 8.3.6 - परिरुप और विकास परिवर्तन)
8.4 - बाह्य रूप से प्रदान की गई प्रक्रियाएँ, उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण (8.4.1 - सामान्य, 8.4.2 - नियंत्रण का प्रकार और सीमा, 8.4.3 - बाहरी प्रदाताओं के लिए जानकारी)
8.5 - उत्पादन और सेवा प्रावधान (8.5.1 - उत्पादन और सेवा प्रावधान का नियंत्रण, 8.5.2 - पहचान और खोजनीयता, 8.5.3 - ग्राहकों और बाहरी प्रदाताओं से संबंधित संपत्ति, 8.5.4 - संरक्षण, 8.5.5 - वितरण-पश्चात गतिविधियाँ, 8.5.6 - परिवर्तनों का नियंत्रण)
8.6 - उत्पादों और सेवाओं को जारी करना
8.7 - प्रतिकूल निर्गतों का नियंत्रण

खंड 9 - निष्पादन मूल्यांकन

इस खंड में निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन की अपेक्षाएँ हैं. आंतरिक संपरीक्षण और प्रबंधन पुनरीक्षण से सम्बंधित अपेक्षाएं इसी खंड में हैं. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'जाँच' भाग है.

9.1 - निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन (9.1.1 - सामान्य, 9.1.2 - ग्राहक संतुष्टि, 9.1.3 - विश्लेषण और मूल्यांकन)
9.2 - आंतरिक संपरीक्षण
9.3 - प्रबंधन पुनरीक्षण (9.3.1 - सामान्य, 9.3.2 - प्रबंधन पुनरीक्षण निवेश, 9.3.3 - प्रबंधन पुनरीक्षण निर्गत)

खंड 10 - सुधार

इस खंड में प्रतिकूलता (अपालन), दुरुस्ती कार्रवाई और लगातार सुधार की अपेक्षाएँ हैं. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'करो' भाग है अर्थात् जाँच के आधार पर प्रतिकूलता हटाने और सुधार का कार्य करो.

10.1 - सामान्य
10.2 - प्रतिकूलता और दुरुस्ती कार्रवाई
10.3 - लगातार सुधार

अनुबद्ध अ

अनुबद्ध अ जानकारी बढ़ाने के लिए है और इसमें नए ढाँचे, शब्दावली और अवधारणाओं पर स्पष्टीकरण दिए गए हैं. यह अनुबद्ध मानक की अपेक्षाओं को समझने में सहायक है.

अनुबद्ध ब

अनुबद्ध ब भी जानकारी बढ़ाने के लिए है और इसमें आईएसओ तकनीकी समिति 176 द्वारा विकसित गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली से सम्बंधित अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों की जानकारी दी गयी है. संस्था अन्य मानकों का उपयोग भी कर सकती है.

संदर्भग्रंथ सूची

मानक के अंत में संदर्भग्रंथ सूची दी गई है.

- केशव राम सिंघल

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