सोमवार, 12 जून 2017

#20 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - जोखिम-आधारित सोच (Risk-based Thinking) - आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. का अभिन्न भाग


#20 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

जोखिम-आधारित सोच (Risk-based Thinking) - आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. का अभिन्न भाग


आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. मानक में मुख्य परिवर्तन यह है कि एक अलग आवश्यकता के रूप में 'रोकथाम' की जगह यह संस्थापित करना है कि एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के रूप में गु.प्र.प्र. के अभिन्न भाग के रूप में जोखिम पर विचार किया जाए. गु.प्र.प्र. के हर पहलू में जोखिम अन्तर्निहित है. सभी प्रक्रियाओं, कार्यकलापों और प्रणालियों में कुछ जोखिम रहता है. जोखिम-आधारित सोच सभी तरह के जोखिमों को पहचानने, विचार करने और नियंत्रित करने में सहायक है.

पूर्व संस्करण, आईएसओ 9001:2008 गु.प्र.प्र. मानक, में 'निवारक कार्रवाई' पर अलग से अपेक्षा खंड है. पर नए संस्करण, आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. मानक, में जोखिम-आधारित सोच का उपयोग है, जहाँ जोखिमों पर विचार करना अनिवार्य है. प्रतिक्रियाशील होने के बजाए (जैसा कि पूर्व संस्करण में दिखता है), अब यह सक्रिय कार्रवाई है.

यह कुछ ऐसा है कि संस्था जोखिम-आधारित सोच को प्रतिदिन खुद-ब-खुद और नियमित तौर पर करती है. आईएसओ 9001 में जोखिम-आधारित सोच हमेशा रही है, तथापि नए संस्करण, आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. मानक, शुरू से पूरी प्रबंध प्रणाली को जोखिम-आधारित सोच पर जोर देता है. अब निवारक कार्रवाई जोखिम-आधारित सोच में उपस्थित है और आयोजना, संचालन, विश्लेषण और मूल्यांकन गतिविधियों में अन्तर्निहित है.

प्रक्रिया दृष्टिकोण में भी जोखिम-आधारित सोच शामिल है.

आईएसओ 9001:2008 गु.प्र.प्र. मानक के निम्न पैरा और खंड में जोखिम-आधारित सोच प्रत्यक्ष/वर्णित है:

- परिचय (Introduction) - यह पैरा जोखिम-आधारित सोच की अवधारणा को स्पष्ट करता है.
- खंड 4 - अपेक्षाओं के अनुसार संस्थाओं को जोखिमों और अवसरों को सम्बोधित करना.
- खंड 5 - उच्च प्रबंधन के लिए जरूरी कि वह (1) जोखिम-आधारित सोच के उपयोग का उन्नयन करे, और (2) जोखिम और अवसर (जो उत्पाद/सेवा के अनुपालन और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने की योग्यता प्रभावित कर सकते हैं) का निर्धारण और संबोधन सुनिश्चित करें.
- खंड 6 - संस्था के लिए जरूरी है कि (1) जोखिमों और अवसरों को निर्धारित करे, (2) जोखिमों और अवसरों को सम्बोधित करने के लिए कार्रवाईयों की आयोजना करे, (3) यह सुनिश्चित करें कि की गई कार्रवाईयाँ (निर्धारित जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने के लिए) उत्पाद/सेवा अनुपालन के संभावित प्रभाव के अनुरूप अवश्य हों.
- खंड 7 - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के संस्थापन, कार्यान्वयन, संपोषण और लगातार सुधार के लिए आवश्यक संसाधनों (लोग, बुनियादी ढांचा, वातावरण, निगरानी और मापन संसाधनों और ज्ञान) को निर्धारित करें और प्रदान करे (मुहैया करवाएं). गु.प्र.प्र. के हर पहलू में जोखिम अन्तर्निहित है.
- खंड 8 - संस्था के लिए जरूरी है कि वह संचालन प्रक्रियाओं का प्रबंधन करे. गु.प्र.प्र. के हर पहलू में जोखिम अन्तर्निहित है.
- खंड 9 - संस्था के लिए जरूरी है कि वह जोखिमों और अवसरों से संबंधित आकड़ों और सूचनाओं को विश्लेषण और मूल्यांकन करे. प्रबंधन पुनरीक्षण में जोखिमों और अवसरों को सम्बोधित करने के लिए की गयी कार्रवाइयों की प्रभावशीलता शामिल है.
- खंड 10 - संस्था के लिए जरूरी है कि वह अवांछित प्रभाव को सुधारे/रोके/कम करें और आयोजना के दौरान निर्धारित जोखिमों और अवसरों को अद्द्यतन (update) करे.

जोखिम-आधारित सोच उपयोग करने के लाभ

- संस्था में सकारात्मक संस्कृति का उन्नयन जो संस्था के प्रशासन को सुधारता है,
- वैधानिक अपेक्षाओं की पालना करने में संस्था की सहायता करता है,
- उत्पाद/सेवा गुणवत्ता की सुसंगता का भरोसा दिलाता है, और
- ग्राहक विश्वास और संतुष्टि को सुधारता है.

जोखिम-आधारित सोच का उपयोग करना

हमारे मस्तिष्क में पहला प्रश्न आता है की किस प्रकार गु.प्र.प्र. में जोखिम-आधारित सोच का उपयोग करें. सरल है, हमें जोखिमों को पहचानना है, समझना है और फिर उन्हें सम्बोधित करना है. संभावित समस्याओं को पहचानने का जोखिम विश्लेषण एक महत्वपूर्ण कदम है. जोखिम पहचानने और जोखिम विश्लेषण का आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला एक तरीका 'असफलता साधन और प्रभाव विश्लेषण' (Failure Mode and Effect Analysis) है, जिसे संक्षिप्त में 'एफएमईए' कहा जाता है और इसे उत्पाद या प्रक्रिया के डिजायन के दौरान किया जाता है. 'एफएमईए' का उद्देश्य संभावित समस्याओं का पता लगाना है, जो उत्पाद या प्रक्रिया में पैदा हो सकती हैं, गंभीरता से जोखिम के बारे पता लगाना और यह निर्णय लेना कि इस बारे में करना क्या है.

'एफएमईए' प्रक्रिया में चार चरण हैं -
(1) अपने जोखिमों को पहचानना - यह आपकी संस्था के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में विचार-मंथन (brainstorming) द्वारा किया जा सकता है. पैदा हो सकने वाली संभावित समस्याओं की सूची बना लो.
(2) प्रत्येक जोखिम कितनी गंभीर (critical) है निर्धारित करना - आपको यह आकलन करना चाहिए कि जोखिम घटने की संभावना, जोखिम घटने की तीव्रता, और जोखिम घटने का पता लगाने की संभावना क्या है.
(3) जोखिम रैंकिंग करना - आपको यह निर्णय करना चाहिए कि जोखिम की श्रेणी क्या है, क्या जोखिम स्वीकार्य है या अविकार्य है.
(4) कार्रवाईयाँ निर्धारित करना - जोखिम को समझने के बाद अपनी कार्रवाईयाँ निर्धारित करो, क्या करना चाहिए. जोखिम को सम्बोधित करने के लिए कार्रवाईयों की आयोजना करो.

'असफलता साधन और प्रभाव विश्लेषण' (Failure Mode and Effect Analysis) प्रक्रिया सरल है. इसे उपयोग करना आसान है. 'एफएमईए' प्रक्रिया परिणाम देता है, जो स्वीकार्यता निर्धारित करने के लिए आसान है, और इस प्रकार जोखिम कटौती के लिए संसाधन आवंटित करने के लिए ढांचा प्रदान करता है, जिसका आसानी से उपयोग किया जा सकता है. आपको स्पष्ट समझना चाहिए कि 'एफएमईए' प्रक्रिया जोखिम विश्लेषण से निपटने का एक तरीका है, और यह किसी भी तरह से आईएसओ 9001:2015 गु.प्र.प्र. मानक द्वारा अनिवार्य नहीं है की आप इसे अवश्य उपयोग में लाएं. कोई भी विधि जो आपको उपयोगी, प्रासंगिक और कुशल लगती हो, आपको उसे अवश्य उपयोग में लेना चाहिए.

'एफएमईए' प्रक्रिया के बाद, आपको जोखिम को सम्बोधित करना चाहिए -
(१) आयोजना को कार्यान्वित करें - कार्रवाई करें.
(२) कार्रवाई की प्रभावशीलता की जांच करें.
(३) जांच परिणाम के आधार पर अपनी कार्रवाई को सुधारें.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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रविवार, 4 जून 2017

#19 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - सुधार


#19 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

सुधार

(10.1) सामान्य


निर्धारित करें और चुनें - सुधार के लिए अवसरों को निर्धारित करें और चुनें (जैसे, अपेक्षाओं को पूरा करने और भविष्य की जरूरतों/उम्मीदों को पूरा करने के लिए उत्पाद/सेवा में सुधार करना, अवांछित प्रभावों को सुधारना / रूकना / कम करना, निष्पादन सुधार करना और गु.प्र प्र. की प्रभावशीलता में सुधार करना).

कार्यान्वित करें - ग्राहक की अपेक्षाओं को पूरा करने और ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें (जैसे, सुधार, सुधारात्मक कार्रवाई, लगातार सुधार, सफलता परिवर्तन, नवाचार, पुनर्गठन).

(10.2) गैर-अनुरूपता और सुधारात्मक कार्रवाई

जब कोई गैर-अनुरूपता उत्पन्न होती है (उपस्थित होना पाया जाता है) और शिकायतों से पता चलती है, तब लागू .

उद्देश्य - गैर-अनुरूपता के कारणों को समाप्त करना, गैर-अनुरूपता को सुधारना.

गैर-अनुरूपता पर प्रतिक्रिया करें (जैसा लागू हो) - (1) गैर-अनुरूपता को नियंत्रित और सुधारने के लिए कार्रवाई करना, (2) परिणामों/प्रभावों के साथ व्यवहार, (3) समीक्षा और विश्लेषण कर, कारणों को निर्धारित कर,यह निर्धारित कर कि समान गैर-अनुरूपता कहीं और है या संभावित रूप से पाई जा सकती है, कार्रवाई के लिए जरूरतों को मूल्यांकन करना, ताकि गैर-अनुरूपता और कहीं नहीं पाई जाए या पुनरावृति हो, (4) जरूरी किसी कार्रवाई को कार्यान्वित करना, (5) सुधारात्मक कार्रवाई की प्रभावशीलता का पुनरीक्षण करना, (6) यदि जरूरी हो, निर्धारित जोखिमों और अवसरों को अद्द्यतन करना - आयोजना प्रक्रिया, (7) यदि आवश्यक हो, गु.प्र.प्र. में परिवर्तन करना.

(10.3) लगातार सुधार

विचार करें - (1) विश्लेषण और मूल्यांकन के परिणाम, (2) प्रबंधन पुनरीक्षण निर्गत.

निर्धारित करें - यदि सुधार के लिए जरूरतें/अवसर हों.

सम्बोधित करें - निर्धारित जरूरतें/अवसर.

लगातार सुधार करें - गु.प्र.प्र. की उपयुक्तता, पर्याप्तता और प्रभावशीलता.

- केशव राम सिंघल

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गुरुवार, 25 मई 2017

जीवन की गुणवत्ता के लिए मानकीकरण जरुरी (Standardization necessary for quality of life)


जीवन की गुणवत्ता के लिए मानकीकरण जरुरी (Standardization necessary for quality of life)



आम जीवन में मानक और मानकीकरण (standardization) का बहुत महत्व है. मानक व्यक्तियों और संस्थाओं के बीच आपसी समझ का आधार प्रदान करते हैं और एक उपकरण के रूप में जीवन की हर गतिविधि, जैसे संचार, माप, प्रबंध प्रणाली, वाणिज्य, विनिर्माण आदि, में मानकों का बहुत महत्व है और इनका उपयोग किया जाता है. आज हर जगह किसी ना किसी रूप में आप मानक की उपस्थिति को देखेंगे और यह अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आज जीवन की गुणवत्ता के लिए मानकीकरण बहुत जरुरी है.


इस लेख के माध्यम से गुणवत्ता से संबंधित कुछ बिंदुओं पर चर्चा करने का प्रयास किया जाएगा. आपके मस्तिष्क में कुछ सवाल उठ खड़े होते हैं, जैसे यह आईएसओ (ISO) क्या है, यह आईएसओ 9001 (ISO 9001) क्या है, इसकी हमें क्यों जरूरत है, आदि.


सर्वप्रथम हम विचार करें कि गुणवत्ता (Quality) क्या है. गुणवत्ता (Quality) एक ऐसा शब्द है, जिसे हम रोज़ उपयोग में लाते हैं. हम अपने दूधवाले से कहते हैं कि कल जो आपने दूध दिया वह क्वालिटी (गुणवत्ता) का नहीं था, उसमें पानी अधिक था. हम आपसी बातचीत में कहते हैं - उस दुकान पर वह चीज क्वालिटी की है. हम क्वालिटी को समझते हैं, पर इसे परिभाषित करना थोड़ा कठिन सा लगता है. गुणवता (क्वालिटी) एक तरल अवधारणा है. यह एक सतत् आगे बढ़ता लक्ष्य है. ग्राहक की जरूरतों से अनुरूपता और पालना, ग्राहक समाधान, ग्राहक संतोष और ग्राहक के आनंद की अनुभूति को गुणवता (क्वालिटी) के रूप में परिभाषित किया जाता है. आम आदमी गुणवता (क्वालिटी) को समझता है और इस शब्द को दिन-प्रतिदिन उपयोग में लाता है. यदि कोई दुकानदार, प्रदाता या वितरक आपको आपके मन मुताबिक़ वस्तु या सेवा नहीं देता है तो आप क्या करते हैं. आप उस दुकानदार, प्रदाता या वितरक से भविष्य में वस्तु या सेवा खरीदना बंद कर देते हैं और अपने मनपसंद वस्तु/सेवा पाने के लिए नए दुकानदार, प्रदाता या वितरक की तलाश कर लेते हैं. इससे किसको नुकसान होता है. उस दुकानदार, प्रदाता या वितरक को नुकसान होता है , जो आपके मन-मुताबिक़ वस्तु/सेवा आपको नहीं दे पाता है. उस दुकानदार, प्रदाता या वितरक की बिक्री कम हो जाती है और इसका असर उसके व्यवसाय और लाभ पर पड़ता है. अतः दुकानदार, प्रदाता या वितरक के लिए गुणवत्ता वस्तु/सेवा देना एक जरुरत बन गयी है. आज विश्व भर में संस्थाएं गुणवत्ता (क्वालिटी) पर ध्यान देने लगी हैं.


सन 1985 के बाद भारत सरकार की नीति में अनेक परिवर्तन आए हैं. उदार दृष्टिकोण, आधुनिकीकरण, तकनीकी सुधार, ऊर्जा बचत, निर्यात प्रोत्साहन, ग्राहक संरक्षण, पर्यावरण नियंत्रण, निजीकरण, बहु-राष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश, विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा, विश्व व्यापार संगठन (WTO) का प्रभाव, गुणवत्ता प्रमाणीकरण को प्रोत्साहन आदि अनेक बिंदु हैं, जिनपर हमारी सरकार का ध्यान गया है. विश्व व्यापार संगठन का आगमन 1 जनवरी 1995 को हुआ. इस संगठन के गठन से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है, आयात-निर्यात नियमों का सरलीकरण हुआ है तथा गुणवत्ता (क्वालिटी) पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है.


अब हम मूल प्रश्नों की तरफ आते हैं. पहला सवाल - यह आईएसओ क्या है? अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन' (International Organization for Standardization) को हम संक्षेप में आईएसओ (ISO) कहते हैं. आईएसओ की स्थापना 1947 में हुई थी. इसका सचिवालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है. मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था (आईएसओ) अंतरराष्ट्रीय मानकों का सबसे बड़ा विकासक (developer) और प्रकाशक (publisher) है. यह एक स्वतंत्र और गैर-सरकारी संस्था है, जो अपने सदस्यों के सहयोग से संचालित होती है. इसका काम अंतरराष्ट्रीय मानक विकसित कर प्रकाशित करना है, जो पूरे विश्व में लागू होते हैं. आईएसओ ने अब तक 21,500 से अधिक मानक विकसित कर प्रकाशित किए हैं. इस संस्था से सम्बंधित जानकारी इसकी वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

वर्तमान में इस संस्था के 163 देश सदस्य हैं, जिनका प्रतिनिधित्व हरेक सदस्य देश की एक राष्ट्रीय मानक संस्था करती है. भारत भी इस संस्था का सदस्य है. भारत की मानक संस्था 'भारतीय मानक ब्यूरो' (Bureau of Indian Sandards) इस अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था आईएसओ में भारत का प्रतिनिधित्व करती है. इस संस्था में मानकों के विकास का कार्य संस्था की तकनीकी समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें विशेषज्ञ मानक संस्थाओं या संपर्क संस्थाओं द्वारा नामित किए जाते हैं. गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता आश्वासन के लिए तकनीकी समिति आईएसओ/टीसी 176 है और इसकी उपसमिति आईएसओ/टीसी 176/एससी 2 अन्य मानकों सहित आईएसओ 9001 और आईएसओ 9004 के लिए उत्तरदायी है.


अब दूसरा प्रश्न - यह आईएसओ 9001 क्या है? आईएसओ 9001 एक अंतरराष्ट्रीय मानक है, जो गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली से सम्बंधित है. इस मानक में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की अपेक्षाएं दी गयी हैं. आईएसओ 9001/9002/9003 मानक श्रृंखला पहली बार 1987 में प्रकाशित हुई थी और फिर 1994 में संशोधित हुई. सन् 2000 में 15 दिसंबर 2000 को आईएसओ 9001:2000 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के प्रकाशन के साथ इसमें एक बड़ा परिवर्तन आया. 15 नवंबर 2008 को इस मानक का चौथा संस्करण आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और पाँचवाँ संस्करण आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली 15 सितंबर 2015 को प्रकाशित हुआ.


इस प्रकार, आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली ने 25 से अधिक वर्षों की अपनी यात्रा पूरी कर ली है तथा इसी वर्ष (2017 में) यह 30 वर्ष की अपनी यात्रा पूरी कर लेगी. गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में बहुत से मानक हैं, पर निम्न तीन मानक प्रमुख हैं -
- आईएसओ 9000:2015, गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - मूल सिद्धांत और शब्दावली,
- आईएसओ 9001:2015, गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - अपेक्षाएं,
- आईएसओ 9004:2009, गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - संस्था की निरंतर सफलता के लिए प्रबंधन - एक गुणवत्ता प्रबंधन दृष्टिकोण


यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्रमाणीकरण के लिए योग्य मानक आईएसओ 9001:2015 है. संस्थाएं आईएसओ 9004:2009 को लागू तो कर सकती हैं, पर यह मानक प्रमाणीकरण के लिए नहीं है. आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक विश्व का सबसे अधिक प्रचलित मानक है. एक सर्वे के अनुसार यह मानक 187 देशों में प्रचलित है तथा ग्यारह लाख से अधिक संस्थाओं ने इसका प्रमाणन लिया है. अनेक संस्थाएं बिना प्रमाणन लिए भी आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक किर्यान्वित करती हैं, क्योंकि प्रमाणन लेना इस मानक की कोई अपेक्षा या शर्त नहीं है.


किसी संस्था में आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की अपेक्षाओं को लागू कर संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है और जब किसी संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मजबूत होती है तो निश्चित ही संस्था के उत्पादों की गुणवत्ता सुधरती है, ग्राहक संतुष्टि का स्तर ऊंचा होता है. अनेक कारण हैं जो संस्थाओं में आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक लागू करने के लिए प्रेरित , प्रोत्साहित या बाध्य करती है, जैसे बढ़ता कारोबार, संस्था के लक्ष्यों और उद्देश्यों के प्रति कर्मचारिओं में प्रेरणा जागरूकता, संस्था के भीतर बेहतर सम्प्रेषण, लगातार सुधार, संसाधनों का प्रभावी इस्तेमाल, कम लागत, छोटा चक्रबार (shorter cycle times ), सुधार, संगत और वांछित परिणाम, लगातार विकास, विश्लेषण के आधार पर निर्णय.


भारत सरकार के बदलते आर्थिक सुधार कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप अब विदेशों के साथ आयात-निर्यात में बढ़ोतरी हुयी है. साथ ही ग्राहक की अपेक्षाएं बदल रही हैं. ग्राहक उत्पाद की उच्च गुणवत्ता के साथ कम कीमत और उत्पाद की सही उपलब्धता में निरंतर सुधार चाहने लगे हैं. इसमें आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक बड़ी मदद करता है. अपने उत्पाद और अपनी प्रणाली में लगातार सुधार के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक लागू करना संस्थाओं के लिए एक आवश्यकता बन गयी है.



भारतीय मानक ब्यूरो

भारत की राष्ट्रीय मानक संस्था 'भारतीय मानक ब्यूरो' अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ ' में भारत का प्रतिनिधित्व करती है. इस संस्था के बारे में अधिक जानकारी आप इस संस्था की वेबसाइट पर देख सकते हैं. यह संस्था the Bureau of Indian Standards Act, 1986 के प्रावधानों के अधीन कार्य करती है. इसके उद्देश्य निम्न हैं -
- मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन का सुसंगत विकास,
- मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए नई कोशिशें प्रदान करना, और
- मानकों की मान्यता के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति विकसित करने और उन्हें उत्पादन और निर्यात के विकास के साथ एकीकृत करना.

भारतीय मानक ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय मानकों को राष्ट्रीय मानक के रूप में स्वीकृत कर प्रकाशित किए हैं.


हॉलमार्किंग

हॉलमार्किंग कीमती धातु के लेखों में कीमती धातु की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग है. हॉलमार्क आधिकारिक तौर पर कई देशों में उपयोग किए जाते हैं, जो धातु की शुद्धता की गारंटी देते हैं. हॉलमार्किंग स्कीम के सिद्धांत का उद्देश्य लोगों को विरूपता के विरुद्ध रक्षा करना है और निर्माताओं को सुंदरता के कानूनी मानकों को बनाए रखने के लिए बाध्य करना है. भारत में हॉलमार्किंग के दायरे के तहत वर्तमान में दो कीमती धातुएं सोने और चांदी के रूप में लाई गयी हैं. भारतीय मानक ब्यूरो की हॉलमार्किंग योजना को हॉलमार्किंग पर अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के साथ गठबंधन किया गया है. इस योजना के मुताबिक, हॉलमार्किंग योजना के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा जौहरी को लाइसेंस दिया जाता है. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणित जौहरी, किसी भी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मान्यता प्राप्त आकलन और हॉलमार्किंग केंद्र से अपने ज्वेलरी को हॉलमार्क करवा सकते हैं.


भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की उत्पाद प्रमाणन योजना

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की उत्पाद प्रमाणन योजना ग्राहक को उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता की तृतीय पक्ष की गारंटी प्रदान करती है. किसी भी उत्पाद पर 'आईएसआई' (ISI) प्रमाणीकरण चिह्न, मानक मार्क के रूप में जाना जाता है और इसकी उपस्थिति विनिर्देशों के अनुरूप होने का आश्वासन है. बाजार और कारखाने द्वारा तैयार किए गए नमूनों की आश्चर्यजनक जांच और परीक्षण द्वारा लाइसेंसधारी के प्रदर्शन की नियमित निगरानी द्वारा अनुरूपता सुनिश्चित की जाती है. मानक को इसकी अनुरूपता सुनिश्चित करने के बाद निर्माता को स्व-प्रमाणित उत्पादों को प्रमाणित करने की अनुमति दी जाती है. अपने निगरानी संचालन के जरिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणित वस्तुओं की गुणवत्ता पर बारीकी से निगरानी रखता है. उत्पाद प्रमाणन योजना राज्य की राजधानियों या प्रमुख औद्योगिक शहरों और शाखा कार्यालयों के कामकाज की देखरेख के 5 क्षेत्रीय कार्यालयों में स्थापित 34 शाखा कार्यालयों के एक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होती है. हालांकि, यह योजना स्वभाविक रूप से स्वैच्छिक है, भारत सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं और जन उपभोग के विचारों पर विभिन्न अधिनियमों के माध्यम से समय-समय पर विभिन्न अधिनियमों के तहत जारी किए गए आदेशों के माध्यम से विभिन्न उत्पादों पर अनिवार्य प्रमाणीकरण लागू किया गया है. एक सूचना के अनुसार अधिसूचित 30 इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उत्पादों के लिए निर्माता पंजीकरण अनिवार्य है. आईएसआई चिह्न के नकली मार्किंग / दुरुपयोग के खिलाफ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बीआईएस अधिनियम 1986 की धारा 33 (1) के तहत में दंड प्रावधान मौजूद है.


क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया (क्यूसीआई)

क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया (क्यूसीआई) भारतीय उद्योग के साथ साझेदारी में एक प्रत्यायन संस्था (accreditation body ) स्थापित करने का भारत सरकार का एक अग्रणी प्रयोग है. 1992 से, अनुरूपता मूल्यांकन परिणामों की मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य तंत्र स्थापित करने के लिए देश में एक प्रत्यायन संस्था की स्थापना के लिए एक आवश्यकता महसूस की गई थी. प्रयोगशालाओं के संबंध में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक प्रत्यायन संस्था पहले से ही काम कर रही थी. भारत सरकार की मंत्रिमंडल समिति ने 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत गैर-लाभप्रद स्वायत्त संस्था के रूप में भारत की गुणवत्ता परिषद 'क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया' (क्यूसीआई) स्थापित करने का निर्णय लिया, ताकि देश में एक प्रत्यायन ढांचा स्थापित किया जा सके और भारत में राष्ट्रीय गुणवत्ता प्राप्त करने में गुणवत्ता आंदोलन का प्रसार किया जा सके. क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया (क्यूसीआई) से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप इसकी वेबसाइट पर देख सकते हैं.


नेशनल सेंटर फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट (एनसीक्यूएम)

नेशनल सेंटर फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट (एनसीक्यूएम) 1985 में राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित उद्योगपतियों और पेशेवरों के एक समूह द्वारा समर्पित नॉन-प्रॉफिट (अलाभकारी) संस्था के रूप में स्थापित की गयी थी. आज यह एक प्रमुख व्यावसायिक संस्था है, जो प्रशिक्षण, शिक्षा, सेमिनार, प्रकाशन, अनुसंधान और सलाहकार सेवाओं जैसी सेवाओं के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था में गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने में लगी हुई है. यह बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के तहत पंजीकृत एक संस्था है. इस संस्था से सम्बंधित जानकारी इसकी वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

- केशव राम सिंघल




मंगलवार, 23 मई 2017

#18 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - निष्पादन मूल्यांकन - निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन, आतंरिक संपरीक्षण और प्रबंधन पुनरीक्षण


#18 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

निष्पादन मूल्यांकन

निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन, आतंरिक संपरीक्षण और प्रबंधन पुनरीक्षण

(9.1) निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन


निर्धारित करें - (1) निगरानी और मापन जरूरतें, (2) निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन विधियाँ (वैध परिणाम सुनिश्चित करे के लिए), (3) निगरानी और मापन कब करना है, (4) कब निगरानी/मापन परिणामों का विश्लेषण और मूल्यांकन करना है, (5) विधियाँ - ग्राहकों की धारणा जानकारी प्राप्त करने, निगरानी करने और विश्लेषण करने के लिए, जैसे - ग्राहक सर्वे, ग्राहक फीडबैक, ग्राहक से मिलना, बाजार-हिस्सेदारी विश्लेषण, वारंटी दावें, डीलर रिपोर्ट.

निगरानी रखें / पुनरीक्षण करें / विश्लेषण करें / मूल्यांकन करें - (1) गु.प्र.प्र. निष्पादन और प्रभावशीलता, (2) ग्राहक धारणा जानकारी.

विश्लेषण और मूल्यांकन करें - निगरानी/मापन आकड़े/जानकारी.

विश्लेषण परिणाम का उपयोग करें और मूल्यांकन करें - (1) उत्पाद/सेवा अनुरूपता, (2) ग्राहक संतुष्टि, (3) गु.प्र.प्र. निष्पादन और प्रभावशीलता, (4) आयोजना क्रियान्वयन प्रभावशीलता, (5) जोखिमों और अवसरों के समाधान के लिए कार्रवाई प्रभावशीलता, (6) बाह्य प्रदाता निष्पादन, (7) गु.प्र.प्र. सुधार जरूरतें.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - निगरानी / मापन / विश्लेषण / मूल्यांकन परिणामों के साक्ष्य.

स्पष्टीकरण - सांख्यिकीय तकनीक आकड़ों का विश्लेषण करने के लिए एक विधि हो सकती है.

(9.2) आतंरिक संपरीक्षण

उद्देश्य - (1) यह जानना कि क्या आईएसओ 9001:2015 मानक की अपेक्षाओं और संस्था द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं की पालना हो रही है, (2) यह जानना कि क्या गु.प्र.प्र. प्रभावी रूप से कार्यान्वित और सम्पोषित है.

विचार करें - प्रक्रिया संबंधित का महत्व, संस्था को प्रभावित करने वाले परिवर्तन और पिछले संपरीक्षणों (ऑडिटस) के परिणाम.

आयोजना और संस्थापित करें - संपरीक्षण कार्यक्रम (आवृत्ति, विधियों, जिम्मेदारियों, आयोजना आवश्यकताओं और रिपोर्टिंग भी शामिल करते हुए).

परिभाषित करें - संपरीक्षण मानदंड और कार्यक्षेत्र (प्रत्येक संपरीक्षण के लिए).

चयन करें - आंतरिक संपरीक्षण को पूरा करने के लिए संपरीक्षक (विषय-निष्ठता और निष्पक्षता सुनिश्चित करें).

किर्यान्वित और सम्पोषित करें - आयोजित और संस्थापित संपरीक्षण कार्यक्रम.

संचालित करें - नियोजित अंतराल पर आंतरिक संपरीक्षण (विषय-निष्ठता और निष्पक्षता सुनिश्चित करें).

संबंधित प्रबंधन को रिपोर्ट करें - संपरीक्षण के परिणाम.

शीघ्र (देर किए बिना) उचित सुधार और सुधारात्मक कार्रवाई करें.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - (1) संपरीक्षण कार्यक्रम क्रियान्वयन, (2) संपरीक्षण के परिणाम.

स्पष्टीकरण - मार्गदर्शन के लिए आईएसओ 19011: 2011, प्रबंधन प्रणालियों के संपरीक्षण करने के लिए दिशानिर्देश पर मानक, को देखें.

(9.3) प्रबंधन पुनरीक्षण

उद्देश्य - संस्था की रणनीतिक दिशा के साथ निरंतर उपयुक्तता, पर्याप्तता, प्रभावशीलता और संरेखण सुनिश्चित करना.

उत्तरदायित्व - उच्च प्रबंधन.

आयोजना करें - प्रबंधन पुनरीक्षण संचालित करने के अंतराल.

निम्न निवेशों पर विचार द्वारा प्रबंधन पुनरीक्षण आयोजना करें - (1) पूर्व प्रबंधन पुनरीक्षण से कार्रवाई की स्थिति, (2) गु.प्र.प्र. से संबंधित बाह्य और आंतरिक मुद्दों में परिवर्तन, (3) ग़ु.प्र.प्र. के निष्पादन और प्रभावशीलता पर सूचना (और ग्राहक संतुष्टि में रुझान, प्रासंगिक इच्छुक पार्टियों से प्रतिक्रिया, गुणवत्ता के उद्देश्यों की पूर्ति, प्रक्रिया निष्पादन, उत्पाद/सेवा अनुरूपता, गैर-अनुरूपता, सुधारात्मक कार्रवाई, निगरानी/मापन परिणाम, संपरीक्षण परिणाम, बाह्य प्रदाताओं का निष्पादन), (4) संसाधनों की पर्याप्तता, (5) जोखिमों / अवसरों के समाधान के लिए किए गए कार्यों की प्रभावशीलता, सुधार के लिए अवसरों.

प्रबंधन पुनरीक्षण संचालित करें - (1) निवेशों पर विचार करें, (2) सुधार के लिए अवसरों, परिवर्तनों की कोई भी आवश्यकता, और संसाधनों की जरूरतों के बारे में फैसलें लें और कार्रवाई करें. (इन्हें प्रबंधन पुनरीक्षण निर्गतों के रूप में जाना जाता है.)

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - प्रबंधन पुनरीक्षण के परिणाम.

- केशव राम सिंघल

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सोमवार, 22 मई 2017

#17 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - उत्पादों और सेवाओं को जारी करना, और प्रतिकूल निर्गतों का नियंत्रण


#17 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

उत्पादों और सेवाओं को जारी करना, और प्रतिकूल निर्गतों का नियंत्रण

(8.6) उत्पादों और सेवाओं को जारी करना


कार्यान्वित करें - उपयुक्त चरणों में योजनाबद्ध व्यवस्था (उद्देश्य - उत्पाद / सेवा अपेक्षाएं पूरी हैं.)

उत्पाद/सेवा जारी करें - केवल जब योजनाबद्ध व्यवस्था कार्यान्वयन संतोषजनक हो या प्रासंगिक प्राधिकारी / ग्राहक द्वारा अनुमोदन हो.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - निम्न को शामिल करते हुए उत्पाद / सेवा जारी करने की दस्तावेज जानकारी - (१) स्वीकृत मानदंडों के साथ अनुरूपता स्वीकृति, (२) उत्पाद / सेवा जारी करने के लिए अधिकृत व्यक्ति की खोजनीयता.

(8.7) प्रतिकूल निर्गतों का नियंत्रण

सुनिश्चित करें, पहचानें और नियंत्रण करें - प्रतिकूल निर्गत (गैर-अनुरूप आउटपुट) (उद्देश्य - प्रतिकूल निर्गत के अनपेक्षित उपयोग / जारी करने को रोकना)

उचित कार्रवाई करें - प्रतिकूलता की प्रकृति और उत्पाद / सेवा पर इसके प्रभाव पर आधारित. यह उत्पाद की डिलीवरी के बाद पता लगने वाले प्रतिकूल उत्पाद, सेवा के प्रावधान के दौरान और उसके बाद के लिए भी लागू है.

व्यवहार करने के तरीके (एक या अधिक) - (1) प्रतिकूल निर्गत का सुधार, (2) प्रतिकूल निर्गत को अलग करना, (3) प्रतिकूल निर्गत की रोकथाम, (4) प्रतिकूल उत्पाद/सेवा की वापसी, या (5) उत्पाद/सेवा प्रदान करने का निलंबन.

उपयुक्त तरीके से प्रतिकूल निर्गत के साथ व्यवहार करें.

सुधार के बाद सत्यापन करें - अपेक्षाओं से उत्पाद/सेवा अनुपालना.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - (1) प्रतिकूलता का विवरण, (2) की गयी कार्रवाई का विवरण, (3) प्राप्त की गयी रियायत का विवरण, (4) प्रतिकूल निर्गत पर कार्रवाई का निर्णय लेने वाले प्राधिकारी की पहचान.

- केशव राम सिंघल

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रविवार, 21 मई 2017

हुर्रा ! मैं बहुत खुश हूँ .... Hurrah ! I am too happy ...




हुर्रा ! मैं बहुत खुश हूँ ....

दस हजार (10,000) से अधिक आगंतुकों ने
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मेरे ब्लॉग के सभी पाठकों के निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद.
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पुन: आभार,

केशव राम सिंघल
जागरूकता के लिए प्रतिबद्ध



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Keshav Ram Singhal
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#16 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - उत्पादन और सेवा प्रावधान


#16 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

उत्पादन और सेवा प्रावधान

(8.5) उत्पादन और सेवा प्रावधान


कार्यान्वित करें - नियंत्रित शर्तों के अधीन उत्पादन और सेवा प्रावधान
नियंत्रित शर्तों में निम्न (जैसा लागू हो) शामिल करें :
(1) दस्तावेज जानकारी में परिभाषित करें (और इसकी उपलब्धता करें) - उत्पाद/सेवा की विशेषताएं, की जाने वाली गतिविधियों की विशेषताएं, और हासिल किए जाने वाले परिणाम,
(2) उपयुक्त निगरानी / मापन संसाधनों की उपलब्धता और उपयोग,
(3) प्रक्रिया / आउटपुट के नियंत्रण के लिए मानदंडों को पूरा करने और उत्पाद/सेवा स्वीकृति मानदंडों को सत्यापित करने के लिए उपयुक्त चरणों में निगरानी / मापन गतिविधियों को कार्यान्वित करना,
(4) प्रक्रिया के संचालन के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा और पर्यावरण का उपयोग,
(5) सक्षम (और योग्य) व्यक्तियों की नियुक्ति,
(6) योजनाबद्ध परिणामों को प्राप्त करने की प्रक्रिया क्षमता के वैधीकरण और आवधिक पुन: वैधीकरण (जहां परिणामस्वरूप आउटपुट बाद की निगरानी / माप द्वारा सत्यापित नहीं किया जा सकता है),
(7) मानव त्रुटि को रोकने के लिए कार्रवाई क्रियान्वयन,
(8) रिलीज / डिलीवरी / पोस्ट-डिलीवरी गतिविधियों का क्रियान्वयन

पहचान और खोजनीयता - (1) जब उत्पाद / सेवा अनुरूपता सुनिश्चित करना आवश्यक हो आउटपुट की पहचान करने के लिए उचित साधन का उपयोग करें, (2) निगरानी और मापन अपेक्षाओं के संबंध में आउटपुट स्थिति की पहचान करें, (3) जब खोजनीयता एक अपेक्षा हो आउटपुट्स की विशिष्ट पहचान का नियंत्रण करें.

ग्राहक / बाह्य प्रदाता की संपत्ति - (1) संस्था के नियंत्रण या उपयोग करने के दौरान ग्राहक / बाह्य प्रदाता की संपत्ति की देखभाल रखें, (2) ग्राहक / बाह्य प्रदाता की संपत्ति की पहचान, सत्यापन, रक्षा और सुरक्षा करें, (3) जब ग्राहक / बाह्य प्रदाता की संपत्ति खो जाती है, क्षतिग्रस्त हो जाती है या अन्यथा उपयोग के लिए अनुपयुक्त नोटिस की जाती है, तब ग्राहक / बाह्य प्रदाता को सूचित करें.

संरक्षण - उत्पादन/सेवा प्रावधान के दौरान (पहचान, हैंडलिंग, संदूषण नियंत्रण, पैकेजिंग, भंडारण, संचरण या परिवहन, संरक्षण को शामिल करने के लिए जरूरी हद तक) आउटपुट को सुरक्षित रखें. (उद्देश्य - अपेक्षाओं के प्रति अनुरूपता सुनिश्चित करने के लिए).

वितरण के बाद की गतिविधियाँ - (1) वितरण के बाद की गतिविधियों (जैसे - वारंटी के प्रावधानों, अनुबंध संबंधी दायित्वों सहित, जैसे रखरखाव, रीसाइक्लिंग / अंतिम निपटान अनुपूरक सेवाओं को शामिल करते हुए) को निर्धारित करने के लिए कानूनी अपेक्षाओं, उत्पाद / सेवा के साथ जुड़े संभावित अवांछित परिणाम, ग्राहक अपेक्षाओं, ग्राहक की प्रतिक्रिया (फीडबैक), प्रकृति, उत्पाद / सेवा के उपयोग और अभिप्रेत जीवन (intended life) पर विचार करें, (2) वारंटी प्रावधान, संविदात्मक दायित्व, जैसे कि रखरखाव, रीसाइक्लिंग / अंतिम निपटान अनुपूरक सेवाओं को शामिल करते हुए वितरण के बाद की गतिविधियों को निर्धारित करें, और (3) वितरण के बाद की गतिविधियों के लिए अपेक्षाओं की पालना करें.

परिवर्तन नियंत्रण - उत्पादन / सेवा प्रावधानों के लिए परिवर्तनों की समीक्षा करें और परिवर्तनों पर नियंत्रण रखें.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - (1) खोजनीयता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जानकारी, (2) ग्राहक / बाह्य प्रदाता की संपत्ति के साथ क्या हुआ, (3) परिवर्तन की समीक्षा के परिणामों का वर्णन, (4) परिवर्तन को अधिकृत करने वाले कर्मियों का वर्णन, (5) समीक्षा से उत्पन्न होने वाली किसी भी आवश्यक कार्रवाई का वर्णन .

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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सोमवार, 20 मार्च 2017

#15 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - प्रचालन - बाह्य प्रदान प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण


#15 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

प्रचालन - बाह्य प्रदान प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण

(8.4) बाह्य प्रदान प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण


विचार करें - (1) (ग्राहक और वैधानिक) अपेक्षाएं पूरी करने की सक्षमता पर बाह्य प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा का संभावित प्रभाव, (2) बाहरी प्रदाताओं द्वारा लगाए नियंत्रणों का प्रभावीकरण.

निर्धारित करें - (1) बाह्य प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा पर लगाए जाने वाले नियंत्रण, (2) बाहरी प्रदाताओं के मूल्यांकन, चयन, निष्पादन निगरानी और पुनः मूल्यांकन के लिए मापदंड, (3) सत्यापन और अन्य गतिविधियाँ - यह सुनिश्चित करने के लिए कि बाहरी प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा अपेक्षाओं को पूरा करते हैं.

स्पष्टीकरण
बाहरी प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा पर नियंत्रण लागू होते हैं, जब (1) बाहरी प्रदाता से प्राप्त उत्पाद / सेवा को संस्था के अपने उत्पाद / सेवा में सम्मिलित कर लिया जाता है, (2) संस्था की ओर से बाहरी प्रदाता द्वारा सीधे ग्राहक को उत्पाद / सेवा प्रदान किया जाता है, (3) बाहरी प्रदाता द्वारा किसी प्रक्रिया या किसी प्रक्रिया का एक भाग प्रदान करना संस्था तय करती है.

सुनिश्चित करें - (1) बाह्य प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा अपेक्षाओं को पूरा करती है. (2) ग्राहक को पालना किए उत्पाद / सेवा लगातार प्रदान करने की संस्था की योग्यता बाहरी प्रदान उत्पाद / सेवा प्रतिकूल प्रभावित नहीं करते हैं. (3) बाह्य प्रदान प्रक्रिया / उत्पाद / सेवा संस्था के नियंत्रण में रहते हैं. (4) बाहरी प्रदाताओं को अपेक्षाओं की उपयुक्तता सम्प्रेषित की जाती है.

परिभाषित करें - बाहरी प्रदाताओं और संभावित परिणाम पर लगाए जाने वाले नियंत्रण.

पर्याप्त अपेक्षाएं बाहरी प्रदाता को सम्प्रेषित करें - (1) प्रक्रियाओं / उत्पादों / सेवाओं के लिए, (2) उत्पाद / सेवा अनुमोदन के लिए, (3) विधि / प्रक्रिया / यंत्र अनुमोदन के लिए, (4) उत्पाद और सेवा जारी करने के लिए, (5) आवश्यक सक्षमता (योग्यता सहित), (6) संस्था के साथ बाहरी प्रदाता का पारस्परिक विचार विमर्श, (7) लागू किए जाने वाले बाहरी प्रदाता के निष्पादन का नियंत्रण और निगरानी, (8) संस्था या ग्राहक द्वारा बाहरी प्रदाता के परिसर पर की जाने वाली सत्यापन और वैधीकरण गतिविधियाँ.

लागू करें - निर्धारित नियंत्रण, मापदंड और अन्य गतिविधियाँ

बाहरी प्रदाता की संपत्ति पर नियंत्रण करें - (1) जब संस्था के नियंत्रण में हो या उपयोग में लाई जा रही हो प्रदाता की संपत्ति (जैसे सामग्री, पुर्जे, औजार, उपकरण, परिसर, बौद्धिक सम्पदा और व्यक्तिगत आकड़ें) की उचित देखभाल करें. (2) उत्पाद / सेवा में सम्मिलित करने या उपयोग में लेने के लिए संपत्ति की पहचान करें, सत्यापित करें, रक्षा करें और उचित देखभाल करें. (3) यदि बाहरी प्रदाता की कोई संपत्ति खो जाती है, क्षति हो जाती है या फिर उपयोग के लिए अनुपयुक्त पाई जाती है तो उसकी जानकारी बाहरी प्रदाता को रिपोर्ट करें.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - बाहरी प्रदाता का मूल्यांकन, चयन, निष्पादन की निगरानी और पुनर्मूल्यांकन और इन गतिविधियों से उत्पन्न कोई कार्रवाई.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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शनिवार, 11 मार्च 2017

#14 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - प्रचालन - उत्पाद / सेवा का परिरुप और विकास


#14 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

प्रचालन - उत्पाद / सेवा का परिरुप और विकास

(8.3) उत्पाद / सेवा का परिरुप और विकास


उत्पाद / सेवा का परिरुप और विकास एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिसमें कई प्रक्रियाएं शामिल होती है ताकि किसी प्रयोजन/ईकाई/उत्पाद/सेवा के लिए जरूरतें और उम्मीदें और अधिक विस्तृत अपेक्षाओं में बदली जा सकें.

'परिरुप' और 'विकास' शब्द और 'परिरुप और विकास' पद कभी-कभी समानार्थक रूप से उपयोग में आते हैं.

(8.3.1) सामान्य

संस्थापित करें, कार्यान्वित करें और संपोषित करें - परिरुप और विकास प्रक्रिया (उत्पाद/सेवा अपेक्षाओं के उपयुक्त) जिसमें इसकी आयोजना, निवेश, नियंत्रण, निर्गत और परिवर्तन शामिल हो.

(8.3.2) परिरुप और विकास आयोजना

परिरुप और विकास प्रक्रिया के चरण और नियंत्रण निर्धारण के लिए विचार करें - (1) प्रक्रिया की प्रकृति, अवधि और जटिलताए, (2) अपेक्षित प्रक्रिया चरण, (3) लागू पुनरीक्षण, (4) अपेक्षित सत्यापन गतिविधियाँ, (5) अपेक्षित वैधीकरण गतिविधियाँ, (6) शामिल उत्तरदायित्व और प्राधिकार, (7) संसाधन (आतंरिक और बाहरी) आवश्यकताएं, (8) शामिल व्यक्तियों के बीच अंतरफलक नियंत्रण की आवश्यकताएं, (9) ग्राहक / उपयोगकर्ता को शामिल करने की आवश्यकता, (10) अनुवर्ती उत्पाद/सेवा अपेक्षाएं, (11) ग्राहकों / इच्छुक दलों द्वारा चाहे गए नियंत्रण का स्तर, (12) दस्तावेज जानकारी आवश्यकताए.

निर्धारित करें - (1) परिरुप और विकास प्रक्रिया के लिए चरण, (2) आवश्यक दस्तावेज जानकारी.

(8.3.3) परिरुप और विकास निवेश

विचार करें - (1) कार्यात्मक और निष्पादन अपेक्षाएं, (2) पूर्व समान परिरुप और विकास गतिविधियों से जानकारी, (3) वैधानिक अपेक्षाएँ, (4) पालन / कार्यान्वित करने वाले मानक, (5) पालन / कार्यान्वित करने वाले अभ्यास की संहिता, (6) असफलता के संभावित परिणाम.

निर्धारित करें - परिरूप और विकास किए जाने वाले उत्पाद / सेवा के लिए आवश्यक अपेक्षाएँ.

सुनिश्चित करें - (1) निवेश अपेक्षाएँ पर्याप्त, पूरी और स्पष्ट हों, (2) परस्पर विरोधी अपेक्षाओं क्ा समाधान.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - परिरुप और विकास निवेश

(8.3.4) परिरुप और विकास नियंत्रण

लागू करें - परिरुप और विकास नियंत्रण.

सुनिश्चित करें - (1) प्राप्त किए जाने वाले परिणामों को परिभाषित करना, (2) अपेक्षाएँ पूरी करने के लिए परिरुप और विकास की सक्षमता का मूल्यांकन करने के लिए पुनरीक्षण आयोजित करना, (3) सत्यापन गतिविधियाँ आयोजित करना यह सत्यापित करने के लिए कि परिरुप और विकास निर्गत परिरुप और विकास निवेश अपेक्षाओं को पूरा कर रहे हैं, (4) वैधीकरन गतिविधियाँ आयोजित करना यह सुनिश्चित करने के लिए कि परिनामित उत्मपद / सेवा निर्दिष्ट उपयोग / चाहे उपयोग के लिए अपेक्षाओं को पूरा करते हैं,(5) परिरुप और विकास नियंत्रण (पुनरीक्षण/सत्यापन/वैधीकरण) गतिविधियों के दौरान समस्याओं पर आवश्यक कार्रवाइयाँ करना.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - परिरुप और विकास नियंत्रण गतिविधियाँ.

(8.3.5) - परिरुप और विकास निर्गत

सुनिश्चित करें - परिरूप और विकास निर्गत - (1) निवेश अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, (2) अनुवर्ती गतिविधियों के लिए पर्याप्त हैं, (3) उपयुक्त निगरानी और मापन अपेक्षाओं को शामिल / वर्णित करते है, (4) स्वीकृति मापदंडों को शामिल / वर्णित करते है, (5) उत्पाद / सेवा विशेषताओं (चाहे उद्देश्य, सुरक्षित और उचित व्यवस्था के लिए जरुरी) को वर्णित करते हों.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - परिरुप और विकास निर्गत.

(8.3.6) परिरुप और विकास परिवर्तन

पहचान करें, पुनरीक्षण करें और नियंत्रित करें - परिरुप और विकास परिवर्तन (उद्देश्य - यह सुनिश्चित करने के लिए कि उत्पाद / सेवा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - परिरुप और विकास परिवर्तन, पुनरीक्षण के परिणाम, परिवर्तनों की प्राधिकृति और की गयी कार्रवाई.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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सोमवार, 6 मार्च 2017

#13 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - प्रचालन - (1) प्रचालन आयोजना और नियंत्रण (2) उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाएं


#13 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

प्रचालन


प्रचालन अपने लक्ष्यों को पाने के लिए संस्था के कामकाज (कार्यपद्धति) की कार्रवाई है.

(8.1) प्रचालन आयोजना और नियंत्रण

आयोजना करें, कार्यान्वित करें और नियंत्रित करें - प्रक्रियाएं (कृपया मानक के खंड 4 का सन्दर्भ लें).

कार्यान्वित करें - आयोजना में निर्धारित कार्रवाईयाँ (कृपया मानक के खंड 6 का सन्दर्भ लें). निम्न किया जाना जरूरी है -

निर्धारित करें - (1) उत्पाद / सेवाओं के लिए अपेक्षाएं, (2) संसाधन आवश्यकताएं, (3) आवश्यकतानुसार संपोषित और प्रतिधारित करने के लिये दस्तावेज जानकारी

संस्थापित करें - (1) प्रक्रियाओं के लिए मापदंड, (2) उत्पादों / सेवाओं की स्वीकृति के लिए मापदंड.

कार्यान्वित करें - संस्थापित मापदंड के अनुसार नियंत्रण.

नियंत्रित करें - (1) आयोजना किए अनुसार परिवर्तन, (2) बाह्य प्रक्रियाएं.

पुनरीक्षण करें - अनपेक्षित परिवर्तनों के परिणाम

आवश्यक कार्रवाई करें - किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए

दस्तावेज जानकारी संपोषित करें - जैसा ऊपर वर्णित निर्धारित किया गया.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - जैसा ऊपर वर्णित निर्धारित किया गया.

(8.2) उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाएं

ग्राहक के साथ संप्रेषित करें - (1) उत्पाद/सेवा के बारे में जानकारी दें, (2) पूछताछ संभालें, (3) अनुबंधों / आदेशो के बारे में, (4) परिवर्तनों के बारे में, (5) ग्राहक पुनर्निवेश / ग्राहक शिकायतें लें, (6) ग्राहक की संपत्ति संभालने/नियंत्रित करने के बारे में, (7) जब प्रासंगिक हो, विशेष आकस्मिक कार्रवाई अपेक्षाएं संस्थापित करने के लिए.

सुनिश्चित करें - (1) उत्पाद / सेवा अपेक्षाएं (वैधानिक और अन्य जो जरूरी हों) परिभाषित करना, (2) उत्पाद / सेवा अपेक्षाओं को पूरा करने की संस्था की क्षमता.

पुनरीक्षण करें (ग्राहक को उत्पाद / सेवा आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता से पहले) - (1) ग्राहक अपेक्षाएं, (2) वितरण के लिए अपेक्षाएं, (3) वितरण बाद गतिविधियों के लिए अपेक्षाएं, (4) ग्राहक द्वारा ना कही अपेक्षाएं, पर निर्दिष्ट / वांछित उपयोग के लिए जरूरी हों, जब मालूम हों, (5) संस्था द्वारा वर्णित अपेक्षाएं, (6) लागू वैधानिक अपेक्षाएं, (7) बदली गयी अनुबंध / आदेश अपेक्षाएं.

समाधान करें - बदली गयी अनुबंध / आदेश अपेक्षाएं.

सुनिश्चित करें - (1) प्रासंगिक दस्तावेज जानकारी में बदली अपेक्षाओं का संशोधन, (2) प्रासंगिक व्यक्तियों को बदली गयी अपेक्षाओं की जानकारी देना, (3) अपेक्षाओं को पूरा करने की संस्था की क्षमता.

स्वीकृति से पहले पुष्टि करें - ग्राहक अपेक्षाएं, यदि ग्राहक लिखित अपेक्षाएं नहीं प्रदान करता है.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - (1) पुनरीक्षण परिणाम, (2) उत्पाद / सेवा के लिए नई अपेक्षाएँ.

स्पष्टीकरण
जब प्रत्येक आदेश के लिए औपचारिक पुनरीक्षण अव्यवहारिक हो, उदाहरण के लिए ऑनलाइन बिक्री, तब उत्पाद जानकारी / सूची ही पुनरीक्षण होगी.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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शनिवार, 4 मार्च 2017

#12 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - संबल (Support) - दस्तावेज जानकारी (Documented information)


#12 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

संबल - दस्तावेज जानकारी


दस्तावेज जानकारी किसी बारे में सार्थक आंकड़े और तथ्य होते हैं, जो किसी भी माध्यम और प्रारूप में और किसी भी स्रोत से हो सकते हैं.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करना (अर्थात अभिलेख रखना) अनुपालना के साक्ष्य का एक प्रमाण होता है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के कुछ खण्डों में यह अपेक्षा है कि दस्तावेज जानकारी संपोषित की जाएं (रखी जाएं) या प्रतिधारित की जाएं. दस्तावेज जानकारी - (1) आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक द्वारा चाहे, और (2) संस्था द्वारा निर्धारित किए होने चाहिये.

दस्तावेज जानकारी संपोषित करना = प्रलेखित दस्तावेज (जैसे प्रलेखित कार्यविधि, दिशा-निर्देश आदि) रखना.
दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करना = अभिलेख रखना, जो पालना या किए जाने का साक्ष्य प्रदान करता हो.

पता लगाएं - (1) आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक द्वारा कौन से दस्तावेज जानकारी चाहे गए हैं, और (2) संस्था द्वारा कौन से दस्तावेज जानकारी संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए निर्धारित किए गए हैं.

सर्जन करें और अद्यतन करें - उचित रूप से सुनिश्चित करें - उपयुक्तता और पर्याप्तता के लिए (1) पहचान, (2) विवरण, (3) प्रारूप, (4) माध्यम, और (5) पुनरीक्षण और अनुमोदन.

दस्तावेज जानकारी नियंत्रित करें - (1)उपयोग के लिए उपलब्धता, उपयुक्तता, पर्याप्त रूप से संरक्षित (पर्याप्त रूप से गोपनीय रखने के लिए, सही उपयोग के लिए, ठीक और सही) रखना सुनिश्चित करें, (2) संबोधित करें, जैसा लागू हो - वितरण, पहुँच (देखने के लिए अनुमति, या देखने और परिवर्तन करने के लिए अनुमति और अधिकार), पुनः प्रापणीय, उपयोग, भंडारण, संरक्षण, स्पष्टता का संरक्षण, संस्करण (परिवर्तन) नियंत्रण, (3) पहचाने, निर्धारित करें और नियंत्रित करें - बाहरी स्रोत दस्तावेज जानकारी, (4) अनुपालना के साक्ष्य के रूप में दस्तावेज जानकारी संरक्षित करें.

स्पष्टीकरण
एक संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए चाहे गए दस्तावेज जानकारियाँ दूसरी संस्था से आकार, प्रकार, संस्था के उत्पाद/सेवाओं, प्रक्रियाओं, प्रक्रियाओं की जटिलताओं, प्रक्रियाओं की परस्पर क्रिया, व्यक्तियों की सक्षमता के कारण भिन्न हो सकते हैं.

- केशव राम सिंघल

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शुक्रवार, 3 मार्च 2017

#11 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - संबल - सक्षमता, जागरूकता और सम्प्रेषण


#11 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

संबल - सक्षमता, जागरूकता और सम्प्रेषण

(7.2) सक्षमता


सक्षमता सफलतापूर्वक और कुशलतापूर्वक कुछ करने की योग्यता है. चाहे गए परिणामों को पाने के लिए यह ज्ञान (उपलब्ध जानकारियों, सार्थक आंकड़ों के उपलब्ध संग्रह) और कौशल को लागू करने की योग्यता है.

निर्धारित करें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली से सम्बंधित कार्य करने के लिए व्यक्तियों की आवश्यक सक्षमता.

सुनिश्चित करें - व्यक्ति सक्षम है (उपयुक्त शिक्षा/प्रशिक्षण/अनुभव के आधार पर)

कार्रवाई करें - आवश्यक सक्षमता पाने के लिए, जहां जरूरी हो.

मूल्यांकन करें - की गयी कार्रवाईयों के प्रभावशीलता.

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - सक्षमता साक्ष्य.

स्पष्टीकरण

संस्था में सक्षमता बढ़ाने के लिए निम्न कार्रवाईयाँ की जा सकती हैं - (1) व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान करना, (2) व्यक्तियों को सलाह (दिशा निर्देश / प्रशिक्षण), (3) व्यक्तियों को पुनः कार्य-निर्धारण कर सौपना, (4) दक्ष व्यक्तियों को भाड़े / अनुबंध पर रखना.

(7.3) जागरूकता

जागरूकता वह ज्ञान है जो विषय वस्तु को समझने के लिए उपलब्ध रहता है.

सुनिश्चित करे - व्यक्ति निम्न जानते और समझते हैं - (1) गुणवत्ता नीति, (2) गुणवत्ता लक्ष्य, (3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रभावीकरण के लिए व्यक्तियों का योगदान, (4) उन्नत निष्पादन के लाभ, (5) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपेक्षाओं की पालना न होने के आशय.

(7.4) सम्प्रेषण

सम्प्रेषण बोलने, लिखने या किसी अन्य माध्यम के प्रयोग द्वारा सूचनाएं (जानकारियाँ) देना या आदान-प्रदान करना है.

निर्धारित करें - आंतरिक और बाहरी संप्रेषण - (1) विषयवस्तु - क्या संप्रेषित करना है? (2) समय - कब सम्प्रेषित करना है? (3) किसे - व्यक्ति/संस्था/दल किसे सम्प्रेषित करना है? (4) कैसे - किस विधि/तरीके से सम्प्रेषित करना है, (5) कौन - कौन व्यक्ति/अधिकारी सम्प्रेषित करेगा?

- केशव राम सिंघल

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गुरुवार, 2 मार्च 2017

#10 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - संबल (Support) - संसाधन


#10 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

संबल (Support) - संसाधन

(7.1) संसाधनों (Resources)


संसाधन = एक भण्डार या धन, सामग्रियों, स्टाफ, और अन्य परिसंपत्तियों की आपूर्ति, जो किसी एक व्यक्ति या संस्था से लिए जा सकते हैं ताकि कार्य प्रभावी रूप से हो सके.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में संसाधन से तात्पर्य व्यक्तियों (लोग), बुनियादी ढाँचे, वातावरण, निगरानी और मापन संसाधनों और संगठनात्मक ज्ञान से है, जो संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन, संस्था की प्रक्रियाओं के संचालन और नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं, ताकि उत्पाद/सेवा अनुपालना प्राप्त हो सके.

विचार करें - (1) मौजूदा आतंरिक संसाधनों की क्षमता, (2) मौजूदा आतंरिक संसाधनों पर बाधाएं, (3) बाहरी प्रदाताओं से क्या लिया जाएगा.

निर्धारित करें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के संस्थापन, कार्यान्वयन, संपोषण और लगातार सुधार के लिए आवश्यक संसाधनों (लोग, बुनियादी ढांचा, वातावरण, निगरानी और मापन संसाधनों और ज्ञान) को.

प्रदान करे (मुहैया करवाएं) - निर्धारित संसाधनों (लोग, बुनियादी ढांचा, वातावरण, निगरानी और मापन संसाधनों और ज्ञान) को.

पहचान और बचाव (सुरक्षा) करें - निगरानी और मापन संसाधनों का.

सुनिश्चित करें - निगरानी और मापन संसाधनों की उपयुक्तता.

संपोषित करें (बनाए रखें) - (1) बुनियादी ढांचा, (2) प्रक्रियाओं के संचालन के लिए वातावरण, (3) निगरानी और मापन संसाधनों की जारी (लगातार) उपयुक्तता.

अंशशोधन / सत्यापन करें - उल्लेखित अंतरालों या उपयोग से पहले मापन मानकों के सामने (तब लागू जब मापनीय अनुमार्गणीयता अपेक्षा हो या संस्था इसे जरूरी मानती हो).


मापनीय अनुमार्गणीयता = measurement traceability

निर्धारित करें (उस समय जब मापनीय यंत्र अनुपयुक्त पाए जाएं) - क्या पिछले माप परिणामों की वैधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा?

उपयुक्त कार्रवाई करें - यदि पिछले माप परिणामों की वैधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.

संपोषित करें और उपलब्ध कराएं - निर्धारित ज्ञान.

जब आवश्यकताएं और प्रवृतियां बदल रही हो को संबोधित करते समय - (1) मौजूदा ज्ञान पर विचार करें, (2) आवश्यक अतिरिक्त ज्ञान और नवीनतम जानकारियों को प्राप्त करने के तरीकों को निर्धारित करें

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - (1) निगरानी और मापन संसाधनों की उपयुक्तता, (2) अंशशोधन / सत्यापन करने का आधार जब कोई मापनीय मानक उपलब्ध नहीं हो.

स्पष्टीकरण
(1) बुनियादी ढांचा भूमि, भवन, सम्बंधित उपयोगिताएं (जैसे बिजली, जलापूर्ति), यंत्र, मशीनरी, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, परिवहन संसाधन, सूचनाएं, सम्प्रेषण तकनीक आदि हो सकते हैं.
(2) प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उपयुक्त वातावरण मानवीय और भौतिक कारकों का गठजोड़ हो सकता है. मानवीय कारक सामाजिक (जैसे गैर-भेदभावपूर्ण, अर्थात लोगों में अनुचित या प्रतिकूल भेद नहीं करना, शांत, अविवादित जो स्थितियों के साथ शान्तिपूर्वक और कूटनीति से निपटे, आक्रामक या प्रतिरोधी नहीं हो) और भौतिक (जैसे तापमान, गर्मी, आद्रता, रोशनी, वायु प्रवाह, स्वच्छता, शोर आदि) हो सकते हैं.
(3) निगरानी और मापनीय संसाधन की जरुरत वैध और विश्वसनीय परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए होती है, जब अपेक्षाओं से उत्पाद/सेवा अनुपालना सत्यापित करने के लिए निगरानी और मापन उपयोग में लिया जाता है.
(4) संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान संस्था से सम्बंधित विशिष्ट ज्ञान है, जो संस्था में व्यक्तियों के अनुभवों से प्राप्त किया जाता है. संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान वह सूचना है, जिसे संस्था के लक्ष्यों को पाने के लिए संस्था में उपयोग में लिया जाता है. और एक-दूसरे के बीच साझा किया जाता है.
(5) संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान आतंरिक स्रोतों और बाहरी स्रोतों पर आधारित हो सकते हैं.
(6) संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान की आतंरिक स्रोत बौद्धिक सम्पदा (जैसे प्रतिलिप्याधिकार, पेटेंट, डिजाईन आदि), अनुभव से प्राप्त ज्ञान, किसी प्रोजेक्ट की सफलता/असफलता से सीखे पाठ, मौखिक ज्ञान और अनुभव पाना और साझा करना, प्रक्रिया/उत्पाद/सेवा में सुधार परिणाम हो सकते हैं.
(7) संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान के बाहरी स्रोत मानक, पुस्तकें, प्रकाशन, शिक्षा सम्मलेन, ग्राहक/बाहरी प्रदाता से ज्ञान लेना आदि हो सकते हैं.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

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मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017

#09 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - आयोजना (नियोजन)


#09 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

आयोजना (नियोजन)

(6.1) जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने की कार्रवाई


विचार करें - निर्धारित बाहरी और आतंरिक मुद्दे (जो संस्था और उसके प्रसंग से सम्बंधित हों) और निर्धारित इच्छुक दलों की अपेक्षाएं. इस सम्बन्ध में खंड 4.1 और 4.2 का सन्दर्भ लें.

निर्धारित करें - जोखिमों और अवसरों को (जिन्हें संबोधित करना आवश्यक है ताकि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली संस्था के चाहे परिणामों को प्राप्त कर सके, चाहे गए प्रभावों को बढ़ा सके, अनचाहे प्रभावों को रोक/कम कर सकें और सुधार प्राप्त कर सकें.

आयोजना करें - (1) जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने की कार्रवाईयाँ, (2) संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रक्रियाओं को आयोजना की गई कार्रवाईयों में एकीकृत करने और कार्यान्वित करने के लिए विधियां/तरीकें, (3) आयोजना की गई कार्रवाईयों के प्रभावीकरण का मूल्यांकन करने के लिए विधियां/तरीके.

सुनिश्चित करें - की गई कार्रवाईयाँ (निर्धारित जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने के लिए) उत्पाद/सेवा अनुपालन के संभावित प्रभाव के अनुरूप अवश्य हों.

स्पष्टीकरण
(1) जोखिम संबोधन के विकल्प भिन्न हो सकते हैं, जैसे जोखिमों से बचना, जोखिम को अवसर में बदल देना, जोखिम स्रोत को समाप्त कर देना, संभावना या परिणामों को बदल देना, जोखिम साझा करना, सूचित निर्णय द्वारा जोखिम को बरकरार रखना, आदि.
(2) अवसर कुछ अच्छा करने की और जा सकते हैं, जैसे - नई पद्धतियों को अपनाना, नए उत्पाद/सेवाओं को प्रारम्भ करना/परिचय कराना, नए बाजार में प्रवेश, नए ग्राहक/उपयोगकर्ताओं को संबोधित करना, साझेदारी बनाना, नई तकनीक का प्रयोग, अन्य चाहे गए और व्यवहार्य सम्भावनाओं से संस्था या ग्राहकों की आवश्यकताओं को संबोधित करना.

(6.2) गुणवत्ता लक्ष्य और उन्हें पाने की आयोजना

संस्थापित करें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए चाहे गरे प्रासंगिक कार्यों, स्टारों और निर्धारित प्रक्रियाओं पर गुणवत्ता लक्ष्य

सुनिश्चित करें - गुणवत्ता लक्ष्य गुणवत्ता नीति के संगत हो, मापनीय हो, लागू अपेक्षाओं पर विचार करते हों, उत्पाद/सेवा अनुपालन के प्रति प्रासंगिक हों, ग्राहक संतुष्टि बढ़ोतरी के प्रति प्रासंगिक हों.

संस्थापित गुणवत्ता लक्ष्यों को पाने के लिए निर्धारित करें - (1) तरीकें, कार्यविधियाँ और प्रक्रियाएं, (2) संसाधन आवश्यकताएं, (3) उत्तरदायी कार्मिक, (4) पूरा करने के लिए समय सीमा (लक्ष्य), (5) मूल्यांकन विधियाँ/कार्यविधियाँ.

सम्प्रेषित करें - गुणवत्ता लक्ष्य (प्रासंगिक दलों को)

निगरानी करें - गुणवत्ता लक्ष्य

अद्यतन करें - गुणवत्ता लक्ष्य, जैसा उपयुक्त हो.

दस्तावेज जानकारी संपोषित करें - गुणवत्ता लक्ष्यों पर

(6.3) परिवर्तनों की आयोजना

विचार करें - (1) परिवर्तनों का उद्देश्य, (2) परिवर्तन के संभावित परिणाम, (3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अखण्डता, (4) संसाधन उपलब्धता, (5) उत्तरदायित्वों और प्राधिकारों का आवंटन/पुनः आवंटन.

पूरा करें - एक सुनियोजित तरीके से परिवर्तन (खंड 4.4 का सन्दर्भ लें).

- केशव राम सिंघल

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रविवार, 26 फ़रवरी 2017

#08 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में प्रबंधन प्रतिनिधि के लिए क्या ??


#08 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में प्रबंधन प्रतिनिधि के लिए क्या ??


आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली गतिविधियों का समन्वय करने के लिए एक प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्त करने की एक अपेक्षा है. आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में ऐसी कोई अपेक्षा नहीं है कि किसी व्यक्ति को विशेषरूप से प्रबंधन प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाए. हालांकि प्रबंधन प्रतिनिधि नियुक्त करने की प्रकट अपेक्षा आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में वर्णित नहीं है, पर जो गतिविधियाँ प्रबंधन प्रतिनिधि द्वारा की जाती हैं, उन्हें करना अभी भी अपेक्षित है. इन गतिविधियों को करने की जिम्मेदारी उच्च प्रबंधन द्वारा किया जाना अपेक्षित है. इस प्रकार आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक ने उच्च प्रबंधन भागीदारी पर अधिक जोर डाला है.

आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के खंड 5.3 में वर्णित अपेक्षाओं के अनुसार, "उच्च प्रबंधन द्वारा निम्न गतिविधियों के लिए उत्तरदायित्व और प्राधिकार आवंटित किए जाने जरूरी हैं - (1) आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक अपेक्षाओं की पालना सुनिश्चित करने के लिए, (2) प्रक्रियाएं चाहे गए परिणाम दे सुनिश्चित करने के लिए, (3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली निष्पादन और सुधार करने के लिए अवसरों को रिपोर्ट करने के लिए, (4) संस्था में ग्राहक केन्द्रीकरण के उन्नयन को बढ़ावा देने के लिए, (5) जब परिवर्तनों की आयोजना हो और कार्यान्वित हों, तब गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली सत्यनिष्ठा संपोषित करना (बनाए रखना) सुनिश्चित करने के लिए."

इस प्रकार उच्च प्रबंधन उपर्युक्त उत्तरदायित्वों और प्राधिकारों को एक या अधिक व्यक्तियों को आवंटित कर सकता है और ऐसे व्यक्ति को प्रबंधन प्रतिनिधि, गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली समन्वयक या अन्य कोई पदनाम दिया जा सकता है.

- केशव राम सिंघल

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#07 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - नेतृत्व


#07 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

नेतृत्व


इस खंड की सभी अपेक्षाएं उच्च प्रबंधन के लिए हैं. आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक उच्च प्रबंधन के लिए अधिक भागीदारी (भूमिकाओं) की अपेक्षा करता है.

उच्च प्रबंधन = संस्था में उच्चतम स्तर पर व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, जो संस्था को निर्देशित और नियंत्रित करता है.

(5.1) नेतृत्व और प्रतिबद्धता

प्रदर्शित करें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और ग्राहक केन्द्रीकरण के प्रति नेतृत्व और प्रतिबद्धता

जवाबदेही लें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के प्रभावीकरण के लिए

सुनिश्चित करें - (1) गुणवत्ता नीति और गुणवत्ता लक्ष्यों (जो संस्था के सन्दर्भ और सामरिक दिशा के प्रति संगत हों), (2) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपेक्षाओं को संस्था की व्यवसाय प्रक्रियाओं के साथ एकीकृत करके, (3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए संसाधनों की उपलब्धता, (4) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली चाहे गए परिणाम प्राप्त करे.

स्पष्टीकरण
व्यवसाय = गतिविधियाँ जो संस्था के अस्तित्व के उद्देश्य हेतु बुनियादी हैं.

निर्धारण, समझना और लगातार पूरा करना सुनिश्चित करें - (1) ग्राहक अपेक्षाएं, (2) लागू वैधानिक अपेक्षाएं

निर्धारण और संबोधन सुनिश्चित करें - जोखिम और अवसर (जो उत्पाद/सेवा के अनुपालन और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने की योग्यता प्रभावित कर सकते हैं.)

संपोषण (बनाए रखना) सुनिश्चित करें - ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना

उन्नयन करें - (1) प्रक्रिया अभिगम (सोच) का उपयोग, (2) जोखिम आधारित सोच का उपयोग, (३) सुधार

सम्प्रेषित करें - (1) प्रभावी नेतृत्व और प्रतिबद्धता की महत्ता, (2) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपेक्षाएं पूरी करने की महत्ता

काम में लगाए रखें - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रभावीकरण में योगदान देने के लिए व्यक्तियों को

सहारा दे - (1) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रभावीकरण में योगदान देने के लिए व्यक्तियों को, (2) अन्य प्रासंगिक प्रबंधन भूमिकाओं को.

(5.2) नीति

संस्थापित, कार्यान्वित और संपोषित करें - गुणवत्ता नीति (जो संस्था के उद्देश्य और प्रसंग के प्रति उपयुक्त हो, जो संस्था की सामरिक दिशा को सहारा दे, जो गुणवत्ता उद्देश्यों को स्थापित कराने के लिए ढाँचा प्रदान करे, जिसमें लागू अपेक्षाओं को संतुष्ट कराने और गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लगातार सुधार की प्रतिबद्धता शामिल हो)

संप्रेषित करें - संस्था में गुणवत्ता नीति

सुनिश्चित करें - (1) संस्था में गुणवत्ता नीति के समझ, (2) संस्था में गुणवत्ता नीति का अनुप्रयोग, (3) उपयुक्त इच्छुक दलों को गुणवत्ता नीति की उपलब्धता, जैसा उपयुक्त हो.

उपलब्ध कराएँ और दस्तावेज जानकारी संपोषित करें - गुणवत्ता नीति

(5.3) संस्थागत भूमिकाएं, उत्तरदायित्व और प्राधिकार

सुनिश्चित करें - संस्था में प्रासंगिक भूमिकाओं के लिए उत्तरदायित्वों और प्राधिकारों का आवंटन, उनका संप्रेषण और समझ.

आवंटित करें - उत्तरदायित्व और प्राधिकार निम्न के लिए - (1) आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक अपेक्षाओं की पालना सुनिश्चित करने के लिए, (2) प्रक्रियाएं चाहे गए परिणाम दे सुनिश्चित करने के लिए, (3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली निष्पादन और सुधार करने के लिए अवसरों को रिपोर्ट करने के लिए, (4) संस्था में ग्राहक केन्द्रीकरण के उन्नयन को बढ़ावा देने के लिए, (5) जब परिवर्तनों की आयोजना हो और कार्यान्वित हों, तब गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली सत्यनिष्ठा संपोषित करना (बनाए रखना) सुनिश्चित करने के लिए.

- केशव राम सिंघल

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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

#06 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली - संस्था के प्रसंग


#06 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

संस्था के प्रसंग


(4.1) संस्था और उसके प्रसंग की समझ

निर्धारित करें - आंतरिक और बाहरी मुद्दे (सकारात्मक और नकारात्मक कारक या शर्तें) जो संस्था के उद्देश्य, सामरिक दिशा के प्रासंगिक हो तथा जो इच्छित परिणामों को प्राप्त करने की संगठनात्मक क्षमता को प्रभावित कर सकते हों.

निगरानी और पुनरीक्षण करें - निर्धारित आंतरिक और बाहरी मुद्दों (सकारात्मक और नकारात्मक कारक या शर्तों) के बारे में जानकारी.

स्पष्टीकरण
(1) ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जो संस्था के बाहरी प्रसंग की समझ को आसान कर सकते हैं. ऐसे मुद्दे वैधानिक, तकनीकी, स्पर्धात्मक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक वातावरण से उत्पन्न हो सकते हैं और ये वैश्विक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या स्थानीय हो सकते हैं.
(2) ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जो संस्था के आंतरिक प्रसंग की समझ को आसान कर सकते हैं. ऐसे मुद्दे संस्था की मूल्य, संस्कृति, ज्ञान और निष्पादन से संबंधित हो सकते हैं.

(4.2) इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं की समझ

निर्धारित करें - (1) संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के प्रासंगिक इच्छुक दल. (2) निर्धारित इच्छुक दलों की अपेक्षाएँ जो संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के प्रासंगिक हों.

निगरानी और पुनरीक्षण करें - निर्धारित इच्छुक दलों और निर्धारित उनकी अपेक्षाओं के बारे में जानकारी

स्पष्टीकरण
(1) इच्छुक दल = व्यक्ति या संस्था जो किसी निर्णय या गतिविधि को प्रभावित कर सकती है, से प्रभावित हो सकती है, या अपने को प्रभावित किया जा सकने के लिए देखती है.
(2) इच्छुक दलों के उदाहरण - ग्राहक, मालिक, कर्मचारी, अनुबंध पर कामगार, ठेकेदार, प्रदाता, बैंकर्स, युनियंस, साझेदार, समाज, प्रतियोगी, विपरीत दवाब समूह आदि.
(3) इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं को समझने की अपेक्षा क्यों है? क्योंकि इच्छुक दलों की जरूरतें और अपेक्षाएँ ग्राहक और लागू वैधानिक अपेक्षाओं को पूरा करने वाले उत्पाद या सेवा को लगातार प्रदान करने की संस्था क्षमता पर अपना प्रभाव डाल सकती हैं.

(4.3) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के कार्यक्षेत्र का निर्धारण

विचार करें - (1) 4.1 की अपेक्षा के अनुसार निर्धारित बाहरी और आंतरिक मुद्दे (2) 4.2 की अपेक्षा के अनुसार निर्धारित इच्छुक दलों की अपेक्षाएँ, (3) संस्था के उत्पाद और सेवाएँ

निर्धारित करें - (1) उपर्युक्त का विचार करते हुए गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की सीमाओं और प्रयोज्यता और यह प्रक्रिया गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का कार्यक्षेत्र संस्थापित करेगी. (2) यदि आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की कोई अपेक्षा संस्था की गुणवता प्रबंध प्रणाली के लिए लागू नहीं होती है, तो औचित्य प्रदान करें.

लागू करें - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की सभी अपेक्षाएँ, यदि वे संस्था के गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के निर्धारित कार्यक्षेत्र के अंतर्गत लागू होती हैं. यदि आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की कोई अपेक्षा संस्था के गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के निर्धारित कार्यक्षेत्र के अंतर्गत लागू नहीं होती है, तो उसका औचित्य प्रदान करने की जरूरत है.

दस्तावेज जानकारी संपोषित करें (बनाएँ रखें) - संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का कार्यक्षेत्र, जिसमें उत्पादों और सेवाओं के प्रकार और यदि आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की कोई अपेक्षा संस्था के गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के निर्धारित कार्यक्षेत्र के अंतर्गत लागू नहीं होती है, तो उसका औचित्य शामिल हो.

उपलब्ध कराएँ - दस्तावेज जानकारी जो संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का निर्धारित कार्यक्षेत्र इंगित करता हो.

महत्वपूर्ण बिन्दु - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक से अनुपालना का दावा तभी किया जाना चाहिए, जब मानक की ऐसी निर्धारित अपेक्षाएँ (जो संस्था में लागू नहीं की जा रही हैं) से संस्था के उत्पाद और सेवाओं की अनुरूपता सुनिश्चित करने और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने के लिए संस्था की योग्यता और उत्तरदायित्व पर कोई प्रभाव नही पड़ता हो.

स्पष्टीकरण -
संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में मानक अपेक्षाओं को लागू किए जाने के सन्दर्भ में आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में 'वर्जन' पद का उपयोग नहीं किया गया है. यह संस्था के लिए है कि निम्न कारणों की वजह से संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में मानक की अपेक्षाओं की प्रयोज्यता का पुनरीक्षण करे - (1) संस्था का आकार, (2) संस्था की जटिलता, (3) संस्था द्वारा स्वीकार किया प्रबंधन मॉडल, (4) संस्था की गतिविधियों की श्रेणी, और (5) संस्था द्वारा सामना के जा रही जोखिम और अवसरों की प्रकृति. हालांकि यह नोट करें कि आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक से अनुपालना का दावा तभी किया जाना चाहिए, जब मानक की ऐसी निर्धारित अपेक्षाएँ (जो संस्था में लागू नहीं की जा रही हैं) से संस्था के उत्पाद और सेवाओं की अनुरूपता सुनिश्चित करने और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने के लिए संस्था की योग्यता और उत्तरदायित्व पर कोई प्रभाव नही पड़ता हो.

(4.4) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और इसकी प्रक्रियाएँ

संस्थापित, कार्यान्वित, संपोषित और लगातार सुधार करें - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की अपेक्षाओं के अनुसार आवश्यक प्रक्रियाएँ और उनके बीच परस्पर क्रियाओं सहित संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली.

निर्धारित करें - (1) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए जरुरी प्रक्रियाएँ और संस्था में उनकी प्रयोज्यता, (2) निर्धारित प्रक्रियाओं से जरुरी निवेश और अपेक्षित निर्गत, (3) निर्धारित प्रक्रियाओं का अनुक्रम और अन्योन्यक्रिया, (4) निर्धारित प्रक्रियाओं के प्रभावी संचालन और नियंत्रण के लिए मानदंड और विधियाँ, साथ ही निगरानी, मापन और संबंधित निष्पादन संकेतक, (5) निर्धारित प्रक्रियाओं के लिए जरुरी संसाधन.

सुनिश्चित करें - जरुरी निर्धारित संसाधनों की उपलब्धता.

निर्दिष्ट करें - निर्धारित प्रक्रियाओं के लिए उत्तरदायित्व और प्राधिकार.

लागू करें - निर्धारित प्रक्रियाओं के प्रभावी संचालन और नियंत्रण के लिए मानदंड और विधियाँ, साथ ही निगरानी, मापन और संबंधित निष्पादन संकेतक.

संबोधित करें - जोखिम और अवसर (जैसा 6.1 में निर्धारित किए गए)

मूल्यांकन करें - निर्धारित प्रक्रियाएँ (इच्छित परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए)

कार्यान्वित करें - कोई जरूरी परिवर्तन (इच्छित परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए)

सुधार करें - (1) निर्धारित प्रक्रियाएँ, (2) गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली

दस्तावेज जानकारी संपोषित करें - जो संस्था प्रक्रियाओं के संचालन को सहारा देते हों

दस्तावेज जानकारी प्रतिधारित करें - जो यह आत्मविश्वास प्रदान करे कि प्रक्रियाएँ आयोजना के अनुसार संचालित हो रही हैं.

- केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता से संबंधित लेखों का उद्देश्य आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है. इन लेखों को आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली कार्यान्वित करने के लिए आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग करना चाहिए, जिसे आप अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' से या उसके राष्ट्रीय सदस्य संस्था (भारत में 'भारतीय मानक ब्यूरो') से प्राप्त कर सकते हैं.

शब्दावली के लिए क्लिक करें.

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता - शब्दावली



आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

शब्दावली


'आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता' से सम्बंधित लेखों का अर्थ समझने में कठिनाई न हो, अत: शब्दावली (हिंदी-अंग्रेजी) सूचीबद्ध की जा रही है. हालांकि शब्दावली वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध नहीं है, फिर भी यह विश्वास है कि यह पाठकों के लिए उपयोगी होगी.

मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था (आईएसओ) = International Organization for Standardization (ISO)
मानक श्रृंखला = Standard series
गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली = QMS = Quality management system
विकासक = Developer
प्रकाशक = Publisher
संपर्क संस्थाओं = Liaison organizations
गुणवत्ता प्रबंधन = Quality management
गुणवत्ता आश्वासन = Quality assurance
तकनीकी समिति = Technical committee
समयरेखा = Timeline
प्रस्ताव = Proposal
चरण = Stage
तैयारी = Preparatory
जाँच = Enquiry
अंतरराष्ट्रीय मानक ड्राफ्ट = DIS = Draft International Standard
अंतरराष्ट्रीय मानक अन्तिम ड्राफ्ट = FDIS = Final Draft International Standard
अल्प = Minor
उपयोगकर्ताओं = Users
प्रासंगिक = Relevantसिद्धांत = Principle
खंड (धारा) = Clause
अनिवार्य प्रक्रियाओं = Mandatory procedures
पोषित करना = Maintain
प्रतिधारित करना = Retain
दस्तावेज = Documents
अभिलेख = Record
प्रलेखित जानकारी = Documented information
प्रक्रिया सोच (अभिगम) = Process approach
जोखिम आधारित सोच = Risk based thinking
निवारक कार्रवाई = Preventive action
खरीद और बाह्यस्रोत = Purchasing and outsourcing
बाह्य रूप से उपलब्ध कराए गए उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण = Control of externally provided products and services
प्रयोज्यता = Applicability
सीमाओं = Boundaries
संस्था के प्रसंग = Context of the organization
संरचना और शब्दावली = Structure and terminology
परिशिष्ट एसएल = Annex SL
उच्च स्तरीय संरचना = High level structure
उत्पाद = Product
उत्पाद और सेवा = Product and service
अपवर्जन = Exclusion
प्रबंधन प्रतिनिधि = Management representative
कार्य वातावरण = Work environment
प्रक्रियाओं के प्रचालन (संचालन) के लिए वातावरण = Environment for the operation of processes
प्रलेखन = Documentation
गुणवत्ता नियमावली = Quality manual
प्रलेखित प्रक्रिया = Documented procedure
अभिलेख = Record
प्रलेखित जानकारी = Documented information
निगरानी और माप उपकरण = Monitoring and measuring equipmebnt
निगरानी और माप संसाधन = Monitoring and measuring resource
खरीदा उत्पाद = Purchased product
बाह्यस्रोत से उपलब्ध उत्पाद और सेवा = Externally provided product and services
प्रदायक = Supplier
बाहरी प्रदाता = External provider
प्रस्तावना = Foreword
कार्यविधि = Procedure
उत्तरदाई समिति आईएसओ/टीसी 176 = Responsible committee ISO/TC 176
गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता आश्वासन = Quality management and quality assurance
उपसमिति = Sub-committee
संस्करण = Edition
परिचय = Introduction
गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत = Quality management principle
प्रक्रिया सोच (अभिगम) = Process approach
'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र = 'Plan-Do-Check-Act' cycle
जोखिम आधारित सोच = Risk based thinking
सामरिक निर्णय = Strategic decision
निष्पादन = Performance
ठोस आधार = Sound basis
उत्पाद = Product
सेवा = Service
क्षमता = Ability
ग्राहक = Customer
लागू = Applicable
वैधानिक = Legal
अपेक्षाओं = Requirements
ग्राहक संतुष्टि = Customer satisfaction
नेतृत्व = Leadership
व्यक्तियों को काम में लगाए रखना = Engagement of people
सबूत आधारित निर्णय लेना = Evidence based decision making
सम्बन्ध प्रबंधन = Relationship management
अंगीकार = Adoption
परिशिष्ट एसएल निर्देशों = Annex SL Directives
संरेखित (पंक्तिबद्ध) = compliant
विषय-क्षेत्र = Scope
प्रामाणिक सन्दर्भ = Normative reference
मूलतत्व और शब्दावली = Fundamentals and vocabulary
पद और परिभाषाएं = Terms and definitions
संस्था के प्रसंग = Context of the organization
इच्छुक दलों = Interested parties
जरूरतों और अपेक्षाओं = Needs and expectations
संस्थापित = Establish
कार्यान्वित = Implement
व्यवसाय = Business
नेतृत्व = Leadership
केंद्रीय विषय = Central theme
प्रतिबद्धता = Commitment
भूमिकाएँ = Roles
आयोजना = Planning
अवसर = Opportunity
गुणवत्ता लक्ष्यों = Quality objectives
परिवर्तनों की आयोजना = Planning of changes
संबल = Support
संसाधन = Resource
दस्तावेज जानकारी = Documented information
संपोषित = Maintain
प्रतिधारित = Retain
लोग = People
बुनियादी ढाँचा = Infrastructure
संचालन = Operation
वातावरण = Environment
निगरानी = Monitoring
मापन = Measuring
संगठनात्मक ज्ञान = Organizational knowledge
क्षमता = Competence
जागरूकता = Awareness
संप्रेषण = Communication
बनाना = Creating
अद्यतन करना = Updating
प्रचालन = Operation
परिचालन आयोजना = Operational planning
पुनरीक्षण = Review
परिरुप और विकास = Design and development
निवेश = Inputs
निर्गत = Outputs
बाह्य रूप से प्रदान की गई = Externally provided
बाहरी प्रदाताओं = External providers
उत्पादन और सेवा प्रावधान = Production and service provision
पहचान और खोजनीयता = Identification and traceability
संपत्ति = Property
संरक्षण = Preservation
वितरण-पश्चात = Post-delivery
प्रतिकूल = Nonconforming
निर्गत = Output
निष्पादन = Performance
मूल्यांकन = Evaluation
विश्लेषण = Analysis
आंतरिक संपरीक्षण = Internal audit
प्रबंधन पुनरीक्षण = Management review
ग्राहक संतुष्टि = Customer satisfaction
सुधार = Improvement
प्रतिकूलता (अपालन) = Nonconformity
दुरुस्ती कार्रवाई = Corrective action
लगातार सुधार = Continual improvement
अनुबद्ध अ = Annex A
अनुबद्ध ब = Annex B
आईएसओ तकनीकी समिति 176 = ISO Technical Committee 176
संदर्भग्रंथ सूची = Bibliography
मानदंड = Criteria
विधियाँ = Methods
निष्पादन = Performance
संकेतक = Indicators
जोखिम = Risk
अवसर = Opportunity
उपलब्धता = Availability
दावा = Claim
प्रयोज्यता = Applicability
इच्छुक दल = Interested party
प्रासंगिक = Relevant
औचित्य = Justification
वर्जन = Exclusion
अनुपालना = Conformity
अंशशोधन = Calibration
सत्यापन = Verification
मापनीय अनुमार्गणीयता = Measurement traceability
बुनियादी ढांचा = Infrastructure
सम्बंधित उपयोगिताएं = Associated utilities
यंत्र = Equipment
मशीनरी = Machinery
हार्डवेयर = Hardware
सॉफ्टवेयर = Software
परिवहन संसाधन = Transportation resources
सूचनाएं = Information
सम्प्रेषण तकनीक = Communication technology
मानवीय = Human
भौतिक = Physical
कारक = Factor
सामाजिक = Social
गैर-भेदभावपूर्ण = Non-discreminatory
अनुचित = Unfair
प्रतिकूल = Prejudicial
भेद = Distinction
शांत = Calm
अविवादित = Non-confrontatial
आक्रामक = Aggressive
प्रतिरोधी = Hostile
विश्वसनीय परिणामों = Reliable results
संगठनात्मक (संस्थागत) ज्ञान = Organizational knowledge
बौद्धिक सम्पदा = Intellectual property
प्रतिलिप्याधिकार = Copyrights
पेटेंट = Patent
डिजाईन = Design





#05 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता


#05 - आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली जागरूकता

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अवलोकन

प्रस्तावना


मानक की प्रस्तावना में आईएसओ संस्था और आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को विकसित करने की कार्यविधि के बारे में जानकारी दी गई है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को विकसित करने के लिए उत्तरदाई समिति आईएसओ/टीसी 176, गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता आश्वासन, उपसमिति एससी 2, गुणवत्ता प्रबंधन है.

आईएसओ 9001:2015 मानक आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का पाँचवाँ संस्करण है और यह इसके चौथे संस्करण, आईएसओ 9001:2008 मानक को प्रतिस्थापित करता है.

परिचय

मानक के परिचय में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली, सात गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांतों, प्रक्रिया सोच (अभिगम), 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र, जोखिम आधारित सोच और अन्य प्रबंध प्रणाली मानको के साथ संबंध के बारे जानकारी दी गई है.

पैरा 0.1 - सामान्य

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को लागू करना संस्था के लिए एक सामरिक निर्णय है. गुणवत्ता प्रबध प्रणाली संस्था के सभी तरह के निष्पादनों को सुधारने में मदद करती है और यह सतत पहलों के लिए ठोस आधार देती है. गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने के बहुत से लाभ हैं, जिनमें प्रमुख हैं - ऐसे उत्पाद और सेवाओं को प्रदान करने की क्षमता जो ग्राहक और लागू वैधानिक अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, ग्राहक संतुष्टि को बढ़ाने के अधिक अवसर, जोखिम और अवसरों को संबोधित करना, अपेक्षाओं की पालना प्रदर्शित करने की योग्यता.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का उपयोग आँतरिक और बाहरी दलों द्वारा किया जा सकता है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक प्रक्रिया सोच (अभिगम), आयोजना-पालना-जाँच-करो, जोखिम आधारित सोच को काम में लेता है.

पैरा 0.2 - गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत

सात गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत हैं - (1) ग्राहक केंद्रबिंदु, (2) नेतृत्व, (3) व्यक्तियों को काम में लगाए रखना, (4) प्रक्रिया सोच (अभिगम), (5) सुधार, (6) सबूत आधारित निर्णय लेना, और (7) सम्बन्ध प्रबंधन.

पैरा 0.3 - प्रक्रिया सोच (अभिगम)

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक प्रक्रिया सोच (अभिगम) को अंगीकार करने को बढ़ावा देता है. जो संस्था आयोजना-पालना-जाँच-करो, जोखिम आधारित सोच के साथ प्रक्रिया सोच (अभिगम) को उपयोग में लाती है, उसे बहुत से अवसरों का फायदा मिलता है और वे अवांछनीय परिणामों को रोकने में सफल रहती हैं. प्रक्रिया सोच (अभिगम) के द्वारा संस्था की प्रक्रियाओं को पूरी तरह से एक प्रणाली की तरह व्यवस्थित किया जाता है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक परिशिष्ट एसएल निर्देशों के अनुसार तथा अन्य प्रबंध प्रणालियों, जैसे आईएसओ 14001, आईएसओ 27001, आईएसओ 20000, आईएसओ 22301 आदि, के साथ संरेखित (पंक्तिबद्ध) है.

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली - अपेक्षाएँ खंड

खंड 1 विषय-क्षेत्र के बारे में है.

आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए अपेक्षाओं का वर्णन करता है. अपेक्षाएँ सामान्य हैं और हरेक संस्था के लिए लागू हो सकने वाली हैं, चाहे संस्था का प्रकार, आकार और उत्पाद/सेवा कुछ भी हो.

खंड 2 प्रामाणिक सन्दर्भ के बारे में है.

प्रामाणिक संदर्भ दस्तावेज 'आईएसओ 9000:2015, गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली - मूलतत्व और शब्दावली' बताया गया है.

खंड 3 पदों और परिभाषाओं के बारे में है.

आईएसओ 9000:2015 में दिए गए पद और परिभाषाएं लागू होंगी.

खंड 4 से 10 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की अपेक्षाओं के बारे में है.

खंड 4 - संस्था के प्रसंग


यह खंड संस्था और इसके प्रसंग, इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं, संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के विषय क्षेत्र, गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रक्रियाओं की जानकारी के बारे में है, जिसमे संक्षेप में यह बताया गया है कि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को कैसे संस्थापित किया जाएगा, कार्यान्वित किया जाएगा, बनाए रखा जाएगा और इसमें सुधार किया जाएगा. इस खंड में यह अपेक्षा है कि संस्था के व्यवसाय और इसके इच्छुक दलों को भली प्रकार समझा जाए.

4.1 - संस्था और इसके प्रसंग को जानना
4.2 - इच्छुक दलों की जरूरतों और अपेक्षाओं को जानना
4.3 - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का विषय क्षेत्र निर्धारित करना
4.4 - गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और इसकी प्रक्रियाएं

खंड 5 - नेतृत्व

यह खंड उच्च प्रबंधन के लिए अपेक्षाओं का उल्लेख करता है कि गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए उनकी भूमिका क्या होनी चाहिए. नेतृत्व गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली और 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का केंद्रीय विषय है.

5.1 - नेतृत्व और प्रतिबद्धता (5.1.1 - सामान्य, 5.1.2 - ग्राहक केन्द्रबिन्दु)
5.2 - नीति (5.2.1 - गुणवत्ता नीति संस्थापित करना, 5.2.2 - गुणवत्ता नीति संप्रेषित करना)
5.3 - संस्थागत भूमिकाएँ, उत्तरदायित्व और प्राधिकार

खंड 6 - आयोजना

यह खंड जोखिमों और अवसरों, गुणवत्ता लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने की आयोजना और परिवर्तनों की आयोजना से संबंधित अपेक्षाओं का उल्लेख करता है. इस खंड ने जोखिम आधारित सोच को प्रस्तावित किया है. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'आयोजना' भाग है.

6.1 - जोखिमों और अवसरों को संबोधित करने के लिए कार्रवाई
6.2 - गुणवत्ता लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने की आयोजना
6.3 - परिवर्तनों की आयोजना

खंड 7 - संबल

गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए संसाधनों की जरुरत और उन्हें प्रदान करना इस खंड की विषय वस्तु है और इनसे संबधित अपेक्षाओं का उल्लेख इस खंड में है. दस्तावेज जानकारी से सम्बंधित अपेक्षाओं का वर्णन भी इस खंड में है कि क्या और कैसे दस्तावेज जानकारी संपोषित और प्रतिधारित किए जाएँगे.

7.1 - संसाधनों (7.1.1 - सामान्य, 7.1.2 - लोग, 7.1.3 - बुनियादी ढाँचा, 7.1.4 - प्रक्रियाओं के संचालन के लिए वातावरण, 7.1.5 - निगरानी और मापन संसाधन, 7.1.6 - संगठनात्मक ज्ञान)
7.2 - क्षमता
7.3 - जागरूकता
7.4 - संप्रेषण
7.5 - दस्तावेज जानकारी (7.5.1 - सामान्य, 7.5.2 - बनाना और अद्यतन करना, 7.5.3 - दस्तावेज जानकारी का नियंत्रण

खंड 8 - प्रचालन

इस खंड में प्रचालन अर्थात् संस्था में प्रक्रियाओं के संचालन के बारे बताया गया है. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'पालना' भाग है.

8.1 - परिचालन आयोजना और नियंत्रण
8.2 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाएँ (8.2.1 - ग्राहक संप्रेषण, 8.2.2 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का निर्धारण, 8.2.3 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का पुनरीक्षण, 8.2.4 - उत्पादों और सेवाओं के लिए अपेक्षाओं का परिवर्तन)
8.3 - उत्पादों और सेवाओं का परिरुप और विकास (8.3.1 - सामान्य, 8.3.2 - परिरुप और विकास आयोजना, 8.3.3 - परिरुप और विकास निवेश, 8.3.4 - परिरुप और विकास नियंत्रण, 8.3.5 - परिरुप और विकास निर्गत, 8.3.6 - परिरुप और विकास परिवर्तन)
8.4 - बाह्य रूप से प्रदान की गई प्रक्रियाएँ, उत्पादों और सेवाओं का नियंत्रण (8.4.1 - सामान्य, 8.4.2 - नियंत्रण का प्रकार और सीमा, 8.4.3 - बाहरी प्रदाताओं के लिए जानकारी)
8.5 - उत्पादन और सेवा प्रावधान (8.5.1 - उत्पादन और सेवा प्रावधान का नियंत्रण, 8.5.2 - पहचान और खोजनीयता, 8.5.3 - ग्राहकों और बाहरी प्रदाताओं से संबंधित संपत्ति, 8.5.4 - संरक्षण, 8.5.5 - वितरण-पश्चात गतिविधियाँ, 8.5.6 - परिवर्तनों का नियंत्रण)
8.6 - उत्पादों और सेवाओं को जारी करना
8.7 - प्रतिकूल निर्गतों का नियंत्रण

खंड 9 - निष्पादन मूल्यांकन

इस खंड में निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन की अपेक्षाएँ हैं. आंतरिक संपरीक्षण और प्रबंधन पुनरीक्षण से सम्बंधित अपेक्षाएं इसी खंड में हैं. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'जाँच' भाग है.

9.1 - निगरानी, मापन, विश्लेषण और मूल्यांकन (9.1.1 - सामान्य, 9.1.2 - ग्राहक संतुष्टि, 9.1.3 - विश्लेषण और मूल्यांकन)
9.2 - आंतरिक संपरीक्षण
9.3 - प्रबंधन पुनरीक्षण (9.3.1 - सामान्य, 9.3.2 - प्रबंधन पुनरीक्षण निवेश, 9.3.3 - प्रबंधन पुनरीक्षण निर्गत)

खंड 10 - सुधार

इस खंड में प्रतिकूलता (अपालन), दुरुस्ती कार्रवाई और लगातार सुधार की अपेक्षाएँ हैं. यह खंड 'आयोजना-पालना-जाँच-करो' चक्र का 'करो' भाग है अर्थात् जाँच के आधार पर प्रतिकूलता हटाने और सुधार का कार्य करो.

10.1 - सामान्य
10.2 - प्रतिकूलता और दुरुस्ती कार्रवाई
10.3 - लगातार सुधार

अनुबद्ध अ

अनुबद्ध अ जानकारी बढ़ाने के लिए है और इसमें नए ढाँचे, शब्दावली और अवधारणाओं पर स्पष्टीकरण दिए गए हैं. यह अनुबद्ध मानक की अपेक्षाओं को समझने में सहायक है.

अनुबद्ध ब

अनुबद्ध ब भी जानकारी बढ़ाने के लिए है और इसमें आईएसओ तकनीकी समिति 176 द्वारा विकसित गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली से सम्बंधित अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों की जानकारी दी गयी है. संस्था अन्य मानकों का उपयोग भी कर सकती है.

संदर्भग्रंथ सूची

मानक के अंत में संदर्भग्रंथ सूची दी गई है.

- केशव राम सिंघल

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