गुरुवार, 30 जून 2011

आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक अपना लेने और इसे लागु करने के क्या लाभ हैं?



किसी संस्था द्वारा आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक अपना लेने और इसे लागू करने के अनेक लाभ होते हैं. कुछेक लाभ निम्न हैं:
ग्राहक ध्यान केन्द्रित (Customer focus) - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक अपनाने और इसे लागू करने से संस्थाग्राहक की ओर अभिमुख हो ग्राहक आवश्यकताओं की पूर्ति कर ग्राहक संतोष में उन्नयन करती है.

विपणन लाभ - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणित संस्थाएं सामान्यत: सभी प्रकार के ग्राहकों को स्वीकार हैं, जिससे उत्पाद और सेवा दोनों का विपणन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सुधारने में मदद मिलती है.

एक विशेष पहचान - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणन से संस्था को एक विशेष पहचान मिलती है, जिससे क्रेता बोध का स्टार ऊँचा उठता है और कर्मचारिओं में गर्व का भाव विकसित होता है.

विश्वास उदय - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने से संस्था में प्रबंधन का आत्म-विश्वास बढ़ता है और ग्राहकों में भी संस्था की योग्यता और क्षमता के प्रति विश्वास जागृत होता है. इससे कर्मचारिओं का मनोबल ऊँचा उठता है.

गुणवत्ता बनाए रखने में मदद - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से उत्पाद और सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है. उत्पाद और सेवा में कोई भी प्रतिकूलता या विसंगति जल्द पता चलती है और समुचित सुधार कार्रवाई करने के लिए संस्था द्वारा उचित कदम उठाये जा सकते हैं.

कानूनी विवादों में कमी - अनेक देशों में आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को कानूनी मान्यता मिली हुयी है. संस्था में आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से समरूप उत्पाद की सुपुर्दगी सुनिश्चित होती है, जिससे उत्पाद-देयता (product liability) के कानूनी विवाद कम होते हैं.

उत्पादकता सुधार - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से प्रबंधन उत्तरदायित्व, संसाधन प्रबंधन व उत्पाद उपलब्धि का कुशल प्रबंधन कर संस्था की उत्पादकता में सुधार का प्रतिफल मिलता है.

वित्तीय निष्पादन सुधार - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से उत्पादों की लागत कम करने और उत्पादकता सुधार करने में संस्था को सहायता मिलती है, जिसके फलस्वरूप संस्था के वित्तीय-निष्पादन में सुधार होता है और परिणामत: निविष के अच्छे फल प्राप्त होते हैं.

अस्वीकृतियों में कमी - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने से आयातकर्ताओं और खरीददारों द्वारा उत्पादों को अस्वीकार करने के अवसर कम हो जाते हैं, इससे संस्था की लागत घटती है और संस्था को तात्कालिक लाभ मिलने के अवसर बढ़ते हैं.

पारदर्शिता - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से संस्था का सर्वोच्च प्रबंधन करमचारिओं के उत्तरदायित्वों को परिभाषित करता है, जिससे काम करने में पारदर्शिता आती है और आतंरिक विवाद के अवसर कम होते हैं.

अनुमार्गनीयता (traceability ) - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से जहाँ अनुमार्गनीयता ग्राहक या संस्था की अपेक्षा है, वहां कच्चा माल प्राप्त करने से लेकर उत्पाद-उपलब्धि प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक स्तर पर ग्राहक को उत्पाद सुपुर्दगी दिए जाने तक उत्पाद की अनुमार्गनीयता का पता किया जा सकता है.

प्रलेखन - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली उत्पाद - उपलब्धि, संसाधन प्रबंधन, प्रबंधन उत्तरदायित्व आदि गतिविधियों और प्रणाली संचालन से सम्बंधित प्रलेखन सुनिश्चित करती है. प्रलेखन से उत्पाद और सेवाओं की जानकारी, पुनरीक्षण और सुधार करने में सहायता मिलती है. साथ ही संस्था में एक प्रभावी गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली सुनिश्चित होती है.

मानव संसाधन विकास - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से संस्था के कर्मचारियों का नियमित प्रशिक्षण और विकास सुनिश्चित होता है, जिससे संस्था के मानव संसाधन विकास के साथ समग्र सांस्कृतिक विकास में मदद मिलती है.

प्रबोधन (मोनिटरिंग) - आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली अपनाने से संस्था को अपनी तमाम गतिविधियों पर नियमित रूप से मोनिटरिंग करने और चौकसी रखने में मदद मिलती है. इसी के साथ समस्याओं को जान्ने और समय रहते उन्हें सुधारने में मदद मिलती है.

निर्यात संभावना के अवसरों में बढ़ोतरी - अनेक देशों की व्यापार संस्थाएं आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणित प्रदातों के साथ व्यापार करना पसंद करती हैं. बहुत से देश निर्यातकों के लिए आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का प्रमाणन लेना अनिवार्य कर रहे हैं. इस कारण आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणित संस्थाओं के लिए निर्यात संभावना में बढोतरी के अच्छे अवसर बनते हैं.



नवाचार और लगातार सुधार - ग्राहकों की तेजी से बदती आवश्यकताओं को पूरा करने और बाज़ार में नेतृत्व बनाए रखने के लिए आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक नवाचार में लगातार सुधार के लिए सहायक है.


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शुभकामनाओं सहित,

केशव राम सिंघल

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग .....

बुधवार, 29 जून 2011

किसी संस्था में आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली क्यों लागू करें?



किसी भी संस्था की आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणीकरण की चाहत और उसे प्राप्त करने के कई प्रत्यक्ष लाभ हैं, तभी तो आज विश्वभर में अनेक संस्थाएं इस प्रमाणन को प्राप्त कर रही हैं. हम संक्षेप में चार कारणों की चर्चा करेंगे, जिनसे यह पता चलेगा की संस्थाओं को आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली क्यों लागु करनी चाहिए.
पहला, सभी संस्थाओं (उद्योगों, सेवाओं, सरकारी, गैर-सरकारी) के लिए सामान्यत: गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक पुरे विश्व में स्वीकार्य हैं. इसका अर्थ यह है कि आईएसओ 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणन लेना व्यापार करने वाले अन्य पक्षों (सामान्यत: डीलर्स, आयातकर्ताओं व ग्राहकों) को यह आश्वासन देता है कि संस्था ने अपनी गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता की मानक स्तर को प्राप्त कर लिया है.

दूसरा कारण यह है कि बहुत से बड़े खरीददार, बहुराष्ट्रीय उत्पादनकर्ता, वितरको की बड़ी श्रृंखला और सरकारी व गैर-सरकारी अभिकरण / विभाग इस बात पर जोर देने लगे हैं कि उनके वितरक के पास आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का प्रमाणन हो, उसके बाद ही वे उससे काम की बात करना चाहेंगे. व्यक्तिगत संपरीक्षण उतने ही महत्वपूर्ण बने रहेंगे, जितने वे अभी हैं, लेकिन इसे किसी तीसरे स्वतन्त्र पक्ष अर्थात किसी प्रमाणन संस्था द्वारा आईएसओ 9001 :2008 प्रमाणन लेने से उसकी नींव मजबूत हो जाती है, जिसपर वितरक संपरीक्षण आधारित हो सकते हैं और जिससे काम बड़ा आसान हो सकता है.

तीसरा कारण, यह मान्यता बनती जा रही है कि जिन उद्द्योगों में उत्पाद प्रमाणन (product certification) एक सामान्य प्रथा बन गयी है, वहां नियामक अभिकरण (regulatory agencies) यह देखने लगे हैं कि संस्था ने उत्पाद प्रमाणन से पहले आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणन ले लिया है अथवा नहीं.

चौथा कारण, अनेक देशों के विधि-विधान में एक बड़ा पहलू यह है कि संस्थाओं को यह दर्शाना पद सकता है कि उन्होंने अपने उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा लिए हैं. आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक पर आधारित प्रमाण इस आशय के माने जा सकते हैं कि संस्था ने अपने उत्पाद तैयार करने और उसकी सुपुर्दगी में पर्याप्त सावधानी बरती है. किसी उत्पाद विशेष की गुणवत्ता विफल हो जाने की अप्रिय स्थिति में कानूनी कार्रवाई के समय यह संस्था के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है.

संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि जो संस्था अन्य संस्थाओं (विशेषकर बड़ी संस्थाओं) के साथ और देश की सीमा के बाहर व्यापार को उत्सुक है, उसके लिए आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणन लेना आवश्यक हो जाएगा और बहुत सी संस्थाओं के लिए तो यह आवश्यक हो भी गया है.

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केशव राम सिंघल

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मंगलवार, 28 जून 2011

किसी संस्था के कर्मचारिओं को आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागु करने के लिए क्या कदम उठाने चाहियें?


संस्था के कर्मचारिओं को आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की अपेक्षाओं तथा अपने से सम्बंधित प्रक्रियाओं को भली प्रकार जानना चाहिए. इसके लिए कर्मचारिओं को "आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली बोध (जानकारी)" प्रशिक्षण में भाग लेना चाहिए. कर्मचारिओं को अपने ज्ञान को बढाने के लिए विभिन्न पुस्तकों व साहित्य का अध्ययन करना चाहिए. यदि संस्था ने गुणवत्ता नीति और/अथवा गुणवत्ता लक्ष्यों को स्थापित कर लिया है, तो उनकी जानकारी भी कर्मचारिओं को होनी चाहिए. इस प्रकार कर्मचारी आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की अपेक्षाओं को लागू करने में अपना सहयोग दे सकते हैं.

संस्था के उच्च प्रबंधन को चाहिए की वे कर्मचारिओं के लिए एक लघु अवधि का "आईएसओ 9001 :2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली बोध (जानकारी)" प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें.

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केशव राम सिंघल

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रविवार, 26 जून 2011

आईएसओ 9000 मानक श्रृंखला के तीन मानकों आईएसओ 9000 , आईएसओ 9001 और आईएसओ 9004 में कौन सा मानक प्रमाणीकरण के लिए है?



आईएसओ 9000 मानक श्रृंखला के तीन मानकों आईएसओ 9000 , आईएसओ 9001 और आईएसओ 9004 में से वर्त्तमान लागू मानक आईएसओ ९००१:२००८ का उपयोग संस्था के प्रमाणीकरण (certification) के लिए किया जा सकता है.

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केशव राम सिंघल

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'आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली' मानक का विकास किन गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांतों को ध्यान में रखकर किया गया था?


अंतर्राष्ट्रीय मानक आईएसओ 9000 :2000, गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - मूल सिद्धांत (आधारभूत तत्व) और शब्दावली में (व संशोधित मानक आईएसओ 9000 :2005 में भी) आठ गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांतों का वर्णन किया गया है. आईएसओ 9001 : 2000 का विकास इन्ही आठ गुणवत्ता सिंद्धांतों को ध्यान में रखकर किया गया था व आईएसओ 9001 : 2008 मानक आईएसओ 9001 : 2000 मानक का ही संशोधित रूप है. ये आठ गुणवत्ता प्रबंध सिद्धांत निम्न हैं -
(१) ग्राहक ध्यान केन्द्रित (Customer focus)
(२) नेतृत्व (Leadership)
(३) व्यक्तियों की भागीदारी (Involvement of people)
(४) प्रक्रिया सोच (Process approach)
(५) प्रबंध की प्रणाली सोच (System approach to management)
(६) लगातार सुधार (Continual improvement)
(७) निर्णय लेने में तथ्यात्मक सोच (Factual approach to decision making)
(८) पारस्परिक लाभकारी वितरक सम्बन्ध (Mutual beneficial supplier relationship)

आईएसओ 9001 : 2008 मानक उपर्युक्त आठ गुणवत्ता प्रबंध सिंद्धांतों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्था में एक ऐसी गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली संस्थापित और विकसित करना है, जो उपर्युक्त आठ गुणवत्ता प्रबंध सिंद्धांतों को उपयोग में लाकर ग्राहक अपेक्षाओं (customer requirements ) से आगे बढ़कर ग्राहक संतुष्टि (customer satisfaction ) का उन्नयन करे.

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केशव राम सिंघल

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शुक्रवार, 24 जून 2011

क्या संस्थाओं को आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की आवश्यकता है?




किसी संस्था में आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक की अपेक्षाओं को लागू कर संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है और जब किसी संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मजबूत होती है तो निश्चित ही संस्था के उत्पादों की गुणवत्ता सुधरती है, ग्राहक संतुष्टि का स्तर ऊंचा होता है. अनेक कारण हैं जो संस्थाओं में आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक लागू करने के लिए प्रेरित , प्रोत्साहित या बाध्य करती है, जैसे बढ़ता कारोबार, संस्था के लक्ष्यों और उद्देश्यों के प्रति कर्मचारिओं में प्रेरणा जागरूकता, संस्था के भीतर बेहतर सम्प्रेषण, लगातार सुधार, संसाधनों का प्रभावी इस्तेमाल, कम लागत, छोटा चक्रबार (shorter cycle times ), सुधार, संगत और वांछित परिणाम, लगातार विकास, विश्लेषण के आधार पर निर्णय.
भारत सरकार के बदलते आर्थिक सुधार कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप अब विदेशों के साथ आयात-निर्यात में बढ़ोतरी हुयी है. साथ ही ग्राहक की अपेक्षाएं बदल रही हैं. ग्राहक उत्पाद की उच्च गुणवत्ता के साथ कम कीमत और उत्पाद की सही उपलब्धता में निरंतर सुधर चाहने लगे हैं. इसमें आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक बड़ी मदद करता है. अपने उत्पाद और अपनी प्रणाली में लगातार सुधार के लिए आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक लागू करना संस्थाओं के लिए एक आवश्यकता बन गयी है.


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केशव राम सिंघल

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आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक किसलिए विकसित किये गए या बनाये गए?




आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में उन अपेक्षाओं को वर्णित किया गया है, जिन्हें किसी संस्था में गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली लागू करने के लिए किर्यान्वित किया जाता है. आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक इसलिए विकसित किये गए, ताकि इस मानक की अपेक्षाओं को लागू कर संस्था की गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली को मजबूत बनाया जा सके, ताकि संस्था की कार्य-विधि, उत्पादन और ग्राहक सेवा संतुष्टि का स्तर लगातार सुधार के साथ उच्च स्तर का ग्राहक की अपेक्षाओं के अनुसार हो.

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केशव राम सिंघल

हिंदी में आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग .....

आईएसओ 9001 : 2000 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक और आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक में क्या अंतर है?


वास्तव में देखा जाये तो आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक आईएसओ 9001 : 2000 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक का संशोधित संस्करण ही है. मानक की भाषा को सुधार दिया गया है व इसे पुन: संपादित किया गया है, ताकि उपयोगकर्ता गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की अपेक्षाओं को बेहतर ढंग से समझकर भली प्रकार लागू कर सके.

यह आईएसओ 9001 : 2008 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानक प्रक्रिया सोच (process approach) को महत्त्व देती है और इसे पर्यावरणीय प्रबंध प्रणाली आईएसओ 14001 : 2004 मानकके अधिक संगत (अनुकूल) कर दिया गया है.

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केशव राम सिंघल

हिंदी में आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने वाला पहला ब्लॉग .....

पहले प्रकाशित गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली मानकों और 15 दिसंबर 2000 को प्रकाशित मानक में क्या अंतर रहा?



पहले दो संस्करणों (1987 व 1994 ) में प्रकाशित मानको के अंतर्गत तीन प्रकार के प्रमाणीकरण मानक थे - आईएसओ 9001 , आईएसओ 9002 व आईएसओ 9003 , जबकि 15 दिसंबर 2000 को प्रकाशित आईएसओ 9000 मानक श्रृंखला के अंतर्गत केवल आईएसओ 9001 : 2000 गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली प्रमाणीकरण मानक रहा. पहले प्रकाशित मानको की भाषा के मुकाबले आईएसओ 9001 : 2000 मानक की भाषा उपयोगकर्ता के अनुरूप (user friendly ) रही तथा उत्पादन संस्थाओं के साथ-साथ सेवा संस्थाओं ने भी इसका उपयोग किया.

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केशव राम सिंघल

अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक कब-कब प्रकाशित हुए?

पहली बार 'गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली' के अंतर्राष्ट्रीय मानक सन १९८७ में प्रकाशित हुए, फिर जुलाई १९९४ में संशोधित हुए थे. पुन: संशोधित गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के मानक १५ दिसंबर २००० को प्रकाशित हुए. १५ दिसंबर २००० को अंतर्राष्ट्रीय मानक संस्था 'International Organization for Standardization ' (जिसे संक्षेप में हम आईएसओ कहते हैं) द्वारा गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली के लिए आईएसओ ९००० मानक श्रृंखला का प्रकाशन एक प्रमुख घटना रही, जिसके अंतर्गत निम्न तीन मानक प्रकाशित किये गए थे -
(१) आईएसओ 9000 :2000 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - मूल सिद्धांत (आधारभूत तत्व) और शब्दावली
(२) आईएसओ 9001 :2000 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - अपेक्षाएं
(३) आईएसओ 9004 :2000 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - निष्पादन सुधारों के लिए मार्गदर्शन

आईएसओ 9000 :2000 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - मूल सिद्धांत (आधारभूत तत्व) और शब्दावली का नया संस्करण सन 2005 में आईएसओ 9000 :2005 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - मूल सिद्धांत (आधारभूत तत्व) और शब्दावली मानक के रूप में प्रकाशित हो गया है.

'आईएसओ 9001 :2008 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - अपेक्षाएं' मानक का चतुर्थ संस्करण है तथा यह तृतीय संस्करण (आईएसओ 9001 :2000 , गुणवत्ता प्रबंध प्रणालियाँ - अपेक्षाएं) मानक को निरस्त करता है. आईएसओ 9001 :2008 मानक गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली का प्रमाणीकरण मानक है, जिसके लिए संस्थाएं प्रमाणीकरण ले सकती हैं.

आईएसओ 9004 :2000 मानक भी संशोधित हो गया है तथा नवीनतम मानक सन २००९ में आईएसओ 9004 :2009 प्रकाशित हो गया है.

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केशव राम सिंघल

यह आईएसओ 9001 :2008 क्या है?

आईएसओ 9001 :2008 अंतर्राष्ट्रीय मानक है जो गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली से सम्बंधित है. इस मानक में 'गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली की अपेक्षाएं' (requirements of quality management system ) दी गयी हैं. इस मानक को अंतर्राष्ट्रीय मानक संस्था 'International Organization for Standardization ' (जिसे संक्षेप में हम आईएसओ कहते हैं) ने प्रकाशित किया है.

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केशव राम सिंघल

यह आईएसओ क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय मानक संस्था 'International Organization for Standardization ' को संक्षेप में हम आईएसओ कहते हैं. इस संस्था की स्थापना 1947 में हुयी थी. इसका सचिवालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है. इस संस्था का काम अंतरराष्ट्रीय मानक बनाना है, जो पुरे विश्व में लागू होते हैं. आईएसओ ने अबतक १८००० से अधिक मानक विकसित कर प्रकाशित किये हैं. इस संस्था के १५० से अधिक देश सदस्य हैं. भारत भी इस संस्था का सदस्य है. भारत की राष्ट्रीय मानक संस्था 'भारतीय मानक ब्यूरो' (Bureau of Indian Standards ) इस इस अंतर्राष्ट्रीय मानक संस्था 'आईएसओ' में भारत का प्रतिनिधित्व करती है.

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केशव राम सिंघल

जानकारी देने का एक प्रयास


प्रिय मित्रों,

यह आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली पर जानकारी देने का एक प्रयास है.
हम इस ब्लॉग के द्वारा हिन्दी में 'आईएसओ ९००१ गुणवत्ता प्रबंध प्रणाली' से सम्बंधित विषयों पर जानकारी देंगे. आप कृपया मेरे इस प्रयास को प्रोत्साहित करें और कोई सुझाव हो तो दें.

विषयगत जानकारी के लिए शीघ्र लेख, समाचार और उपयोगी जानकारी इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको देंगे.

शुभकामनाओं के साथ,

आपका,
केशव राम सिंघल